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हरियाणा खाद रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: ‘मेरी फसल–मेरा ब्यौरा’ से कैसे रुकेगी कालाबाजारी?

हरियाणा खाद रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
हरियाणा खाद रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

हरियाणा सरकार ने खाद वितरण व्यवस्था में बड़ा सुधार करते हुए खाद के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है। अब राज्य के किसानों को उर्वरक लेने के लिए ‘मेरी फसल–मेरा ब्यौरा’ (MFMV) पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। सरकार का उद्देश्य है कि खाद की कालाबाजारी, अवैध सप्लाई और अनावश्यक खरीद पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके।

सरकार के अनुसार, इस नई डिजिटल खाद वितरण प्रणाली के तहत खाद तभी मिलेगी जब किसान का भूमि रिकॉर्ड, फसल विवरण और आधार से जुड़ा बैंक खाता सही तरीके से MFMV पोर्टल पर दर्ज होगा। इस व्यवस्था को पहले पंचकूला में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था, जहां इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इसके बाद इसे पूरे हरियाणा में लागू कर दिया गया।

कालाबाजारी पर कैसे लगी रोक?

नई व्यवस्था लागू होने के बाद कृषि विभाग ने 4455 निरीक्षण, 120 नोटिस, 36 लाइसेंस रद्द या निलंबित किए हैं और 28 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सरकार का दावा है कि इससे यूरिया चोरी में 10.12% और डीएपी चोरी में 7.92% की कमी आई है।
अब कोई भी व्यापारी या बड़ा किसान तय सीमा से अधिक खाद नहीं उठा सकता, क्योंकि सिस्टम किसान-स्तर पर खरीद सीमा तय करता है।

खपत घटी, सब्सिडी की बचत:

8 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच यूरिया और डीएपी की खपत में भारी कमी दर्ज की गई है। इससे सरकार को ₹351.90 करोड़ की सब्सिडी बचत हुई है। यह बचत आगे चलकर कृषि योजनाओं और किसानों के हित में उपयोग की जाएगी।

छोटे किसानों को बड़ा फायदा:

पहले बड़े किसान ज्यादा खाद उठा लेते थे, लेकिन अब 20 बैग से कम खरीद करने वाले किसानों की संख्या बढ़ी है। इससे छोटे और मध्यम किसानों तक समय पर खाद पहुंच पा रही है। औसत खरीद भी घटकर 18 बैग रह गई है।

khetivyapar की सलाह:

khetivyapar किसानों को सलाह देता है कि वे समय रहते MFMV पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन पूरा करें, ताकि खाद की उपलब्धता में किसी प्रकार की परेशानी न हो और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1. खाद के लिए रजिस्ट्रेशन कहां करना होगा?
- ‘मेरी फसल–मेरा ब्यौरा’ (MFMV) पोर्टल पर।

Q2. बिना रजिस्ट्रेशन के क्या खाद मिलेगी?
- नहीं, अब खाद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

Q3. तकनीकी समस्या होने पर क्या करें?
- नजदीकी CSC सेंटर या कृषि विभाग कार्यालय से मदद लें।

Q4. क्या यह व्यवस्था सभी किसानों पर लागू है?
- हां, छोटे, मध्यम और बड़े सभी किसानों पर।

Q5. इस सिस्टम से किसानों को क्या फायदा है?
- समय पर खाद, सही मात्रा, कम कालाबाजारी और पारदर्शिता।

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