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किसान होंगे अब मल्टी–इन्कम वाले: आईएफएस मॉडल से बढ़ेगी किसानों की आमदनी, सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में मिलेगी मजबूती

वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास
वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, प्रधानमंत्री-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) के तहत वर्षा सिंचित क्षेत्र विकास (RAD) कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रहा है। यह योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित इंटीग्रेटेड फ़ार्मिंग सिस्टम (IFS) मॉडल के माध्यम से सतत और लाभकारी कृषि को बढ़ावा देती है।

मिश्रित कृषि से बढ़ेगा लाभ, कम होगा मौसम का जोखिम:

आरएडी के तहत फसल या फसल प्रणाली को बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि-वानिकी और मधुमक्खी पालन जैसी कई गतिविधियों से जोड़कर मिश्रित कृषि प्रणाली विकसित की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों को एक से अधिक आय स्रोत उपलब्ध कराना है, जिससे वे अपनी आजीविका को सुरक्षित रख सकें और चरम मौसमी परिस्थितियों के प्रभाव को कम कर सकें।

नीति आयोग के अध्ययन में आरएडी कार्यक्रम के सकारात्मक नतीजे:

नीति आयोग द्वारा 2025 में किए गए मूल्यांकन अध्ययन में पाया गया कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप लागू किए जाने पर आरएडी हस्तक्षेप अत्यंत प्रभावी साबित होते हैं। इससे संवेदनशील कृषि-जलवायु क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ी है। सूखा-प्रवण इलाकों में किसानों की अनुकूलन क्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। कार्यक्रम से मृदा-नमी संरक्षण, विविध फसल प्रणालियों और भूदृश्य-आधारित कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिला है, जिससे जलवायु जोखिमों से निपटने की क्षमता मजबूत हुई है।

8.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 14.35 लाख किसान लाभान्वित:

आरएडी कार्यक्रम को 2014-15 से राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन और 2022-23 से PM-RKVY के एक भाग के रूप में लागू किया जा रहा है। स्थापना के बाद से अब तक राज्यों को आईएफएस अपनाने के लिए कुल 2,119.84 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता दी जा चुकी है। इसके परिणामस्वरूप 8.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 14.35 लाख किसान सीधे लाभान्वित हुए हैं।

किसानों के कौशल विकास के लिए विशेष सहयोग:

आरएडी के तहत आईएफएस मॉडल अपनाने वाले किसानों को प्रति क्लस्टर 10,000 रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों के अनुसार आईएफएस मॉडल का प्रदर्शन और प्रशिक्षण आयोजित करते हैं। वर्ष 2024-25 में केवीके ने 4,416 प्रदर्शन आयोजित किए, 96,013 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया

2025-26 के लिए 343.86 करोड़ रुपये की आवंटित सहायता: वर्ष 2025-26 में कार्यक्रम के सुचारू संचालन और किसानों के क्षमता निर्माण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 343.86 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता आवंटित की गई है।

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