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रबी फसलों की बुवाई 479 लाख हेक्टेयर पार, दलहन–तिलहन और मोटे अनाज में अच्छी बढ़त

रबी सीजन बुवाई प्रगति 2025
रबी सीजन बुवाई प्रगति 2025

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 5 दिसंबर 2025 तक रबी सीजन की बुवाई की प्रगति रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में रबी फसलों की कुल बुवाई 479.02 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाती है।

दलहन की बुवाई में हल्की बढ़त Slight increase in sowing of pulses:

दलहन फसलों की कुल बुवाई 106.21 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष के 105.78 लाख हेक्टेयर की तुलना में अधिक है।

  1. चना (ग्राम) – 77.84 लाख हेक्टेयर (2.68 लाख हेक्टेयर की वृद्धि)
  2. उड़द – 1.84 लाख हेक्टेयर (0.17 लाख हेक्टेयर की बढ़त)
  3. मसूर, खेत मटर, कुलथी, मूंग, लैथाइरस और अन्य दालों में मिश्रित रुझान देखने को मिला।

श्री अन्न और मोटे अनाजों का क्षेत्र बढ़ा Area under Shree grains and coarse grains increased:

‘श्री अन्न एवं मोटे अनाज’ श्रेणी में इस वर्ष कुल बुवाई 36.28 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष के 35.94 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अधिक है। मक्का, रागी, छोटे बाजरे, जौ में वृद्धि देखने को मिली। ज्वार और बाजरा के क्षेत्र में कुछ कमी दर्ज की गई।

तिलहन फसलों का क्षेत्र 84 लाख हेक्टेयर से अधिक Area under oilseed crops is more than 84 lakh hectares:

तिलहन फसलों के अंतर्गत कुल बुवाई 84.14 लाख हेक्टेयर रही, जो पिछले वर्ष के 81.75 लाख हेक्टेयर से अधिक है। रेपसीड और सरसों में सबसे अधिक बढ़त 79.88 लाख हेक्टेयर (3.45 लाख हेक्टेयर की वृद्धि)। कुसुम, सूरजमुखी में वृद्धि, जबकि मूंगफली, तिल और अलसी के क्षेत्र में कमी दर्ज की गई।

गेहूं बुवाई में उल्लेखनीय प्रगति: देश में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई 241.40 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष के 217.81 लाख हेक्टेयर की तुलना में 23.59 लाख हेक्टेयर की उल्लेखनीय बढ़त है।

धान की बुवाई में भी सुधार: रबी सीजन के धान का क्षेत्र 10.98 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष के 9.86 लाख हेक्टेयर से अधिक है।

कुल बुवाई में 27.89 लाख हेक्टेयर की वृद्धि: रिपोर्ट के अनुसार, कुल रबी बुवाई क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में 27.89 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। सामान्य स्थितियों (2019-20 से 2023-24) के औसत 637.81 लाख हेक्टेयर के मुकाबले यह प्रगति संतोषजनक मानी जा रही है।

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