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Wheat farming: यूपी में गेहूं फसल सुरक्षा पर कृषि विभाग की एडवाइजरी जारी, खरपतवार नियंत्रण के लिए 50% अनुदान पर दवाएं उपलब्ध

गेहूं में खरपतवार नियंत्रण
गेहूं में खरपतवार नियंत्रण

Wheat farming: उत्तर प्रदेश में रबी सीजन के दौरान बड़े पैमाने पर गेहूं की खेती होती है। ऐसे में फसल पर रोग और खरपतवार का दबाव बढ़ने से किसानों को भारी नुकसान का खतरा रहता है। इसी बीच यूपी कृषि विभाग ने गेहूं की फसल सुरक्षा के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने उपचार और प्रबंधन के सभी तरीकों को अपनी वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया है।

खरपतवार से घटती उत्पादकता Weeds reduce productivity:

कृषि विभाग के निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी के अनुसार, गेहूं की फसल में खरपतवार की अधिकता से उत्पादकता में 20–25% तक की कमी देखी जाती है। समय पर प्रबंधन करने से इस नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए सभी राजकीय बीज भंडारों पर आवश्यक खरपतवारनाशक दवाएं 50% अनुदान पर उपलब्ध कराई हैं।

बुवाई के बाद ऐसे करें नियंत्रण Control like this after sowing:

विशेषज्ञों ने बताया कि खरपतवार जमाव से पहले नियंत्रण के लिए पेंडिमिथिलीन 30% ईसी की 3.3 लीटर प्रति हेक्टेयर मात्रा का छिड़काव बुवाई के 3 दिन के भीतर करना चाहिए। छिड़काव फ्लैट नोजल से करें और आगे की ओर बढ़ते हुए स्प्रे करें, ताकि दवा की बनी परत टूटने न पाए।

20–25 दिन बाद अपनाएं ये तरीका Follow this method after 20–25 days:

जमाव के 20–25 दिन बाद सल्फोसल्फ्यूरॉन 75% डब्लूपी (33 ग्राम) और मेटसल्फ्यूरॉन इथाइल (20 ग्राम) को मिलाकर प्रति हेक्टेयर प्रयोग करने से सकरी और चौड़ी पत्ती वाले दोनों प्रकार के खरपतवारों को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है।
इसके अलावा मैट्रीब्यूजिन 70% डब्लूपी की 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर मात्रा बुवाई के 20–25 दिन बाद उपयोग कर गाजर घास, मोथा और दूब जैसे कठिन खरपतवारों को नष्ट किया जा सकता है।

ठंड में बेहतर होती है गेहूं की वृद्धि: डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि दिसंबर की बढ़ती ठंड गेहूं की फसल के शुरुआती विकास के लिए बेहद अनुकूल होती है। शुरुआती बुवाई, मौसम की स्थिति और सरकारी समर्थन को देखते हुए विभाग को उम्मीद है कि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन पिछले साल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ सकता है।

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