भारत सरकार की कृषि अवसंरचना निधि (AIF) योजना के प्रचार-प्रसार एवं किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों को योजना की जानकारी देने हेतु कटंगा स्थित विंध्य भवन में एक दिवसीय संभागीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला में बताया गया कि देश में कृषि अवसंरचना को सुदृढ़ करने और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना संचालित की जा रही है। भारत सरकार ने इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपये का कोष सृजित किया है। इस योजना के अंतर्गत बैंकों से ऋण लेने पर 2 करोड़ रुपये तक की स्वीकृत राशि पर प्रति वर्ष 3% ब्याज सब्सिडी का लाभ हितग्राहियों को दिया जाता है।
अब तक जबलपुर संभाग में 2,164 आवेदनों के विरुद्ध 1,590 करोड़ रुपये तथा पूरे प्रदेश में 15,024 आवेदनों पर 9,459 करोड़ रुपये बैंकों द्वारा स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस उपलब्धि के साथ मध्य प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
कार्यशाला में जबलपुर संभाग की मंडियों से आए व्यापारी और किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने अपनी जिज्ञासाओं से जुड़े प्रश्न पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञों द्वारा दिया गया। साथ ही योजना से संबंधित पाठ्य सामग्री भी वितरित की गई।
कार्यशाला में महिला प्रतिभागियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। डॉ. पूजा सिंह, उप संचालक (AIF), ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की उपयोगिता और संभावनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ वेयरहाउस, राइपनिंग चेंबर, प्रोसेसिंग यूनिट, दाल मिल, फ्लोर मिल, आटा मिल, कोल्ड स्टोरेज, कस्टम हायरिंग सेंटर, मसाला एवं बांस प्रोसेसिंग उद्योग जैसे क्षेत्रों में लिया जा सकता है।
वहीं, एआईएफ नोडल अधिकारी श्री गोविंद प्रसाद शर्मा ने प्रतिभागियों को एआईएफ पोर्टल का तकनीकी प्रशिक्षण दिया और हितग्राहियों को हरसंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
टिकाऊ कृषि अवसंरचना की दिशा में कदम: विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे योजना का अधिकतम लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र में आधुनिक अवसंरचना, कम लागत वाली खेती और स्थायी आय वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ें।
ये भी पढ़ें- IIVR वाराणसी ने जारी किया लोबिया-भिंडी का लाइसेंस