• होम
  • Soybean diseases: सोयाबीन फसल बचाने के टिप्स, समय पर निगरानी...

Soybean diseases: सोयाबीन फसल बचाने के टिप्स, समय पर निगरानी और सही दवा से मिलेगा अधिक उत्पादन

सोयाबीन फसल की निगरानी करते हुए
सोयाबीन फसल की निगरानी करते हुए

कृषि विभाग ने किसानों को खरीफ सीजन में सोयाबीन फसल की बेहतर देखभाल और रोग-कीट प्रबंधन के लिए उपयोगी सुझाव दिए हैं। इस वर्ष जिले में 5.13 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 5.01 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती की जा रही है। वर्तमान में फसल 50 से 55 दिन की अवस्था में है और स्थिति संतोषजनक बताई गई है। अब तक जिले में 536.10 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।

फसल की निगरानी है ज़रूरी, कीट नियंत्रण से बढ़ेगी पैदावार:

कृषि विभाग द्वारा किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों की नियमित निगरानी करने के साथ खेत में 3–4 पौधों को हिलाकर यह देखें कि कहीं इल्ली या कीट का प्रकोप तो नहीं है। यदि 1 वर्ग मीटर क्षेत्र में 3 से 4 इल्लियाँ दिखाई दें तो तुरंत कीटनाशक का छिड़काव करें।
गर्डल बीटल (रिंग कटर) का प्रकोप होने पर प्रभावित पौधों को उखाड़कर खेत से बाहर फेंक दें।
पत्तियाँ खाने वाली इल्लियाँ (सेमीलूपर, तंबाकू या चने की इल्ली) तथा रस चूसने वाले कीट (जैसे सफेद मक्खी, जसीड, तना छेदक) दिखने पर अनुशंसित दवाओं का छिड़काव करें।
सफेद मक्खी के प्रकोप से बचाने के लिए खेत में 20–25 स्थानों पर पीली ट्रैप लगायें।

सोयाबीन रोग प्रबंधन: फसल बचाने के आसान तरीके:

रोग प्रबंधन के सुझाव:

सोयाबीन की प्रमुख बीमारियों में राईजोटोनिया एरियल ब्लाइट, एन्थ्राक्नोज और पीला मोजेक शामिल हैं।
राईजोटोनिया एरियल ब्लाइट : रोग दिखने पर पायरोक्लोस्ट्रोबीन इपोक्सीकोनाजोल का छिड़काव करें।
एन्थ्राक्नोज : प्रारंभिक अवस्था में टेबुकोनाजोल, टेबुकोनाजोल+सल्फर या कार्बेन्डाजिम+मेन्कोजेब का उपयोग करें।
पीला मोजेक : प्रभावित पौधों को उखाड़कर बाहर फेंकें और सफेद मक्खी/एफिड नियंत्रण हेतु अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव करें।

अन्य महत्वपूर्ण सलाह:

  • सोयाबीन की फसल में तीन दिन से अधिक पानी का जमाव हानिकारक होता है, इसलिए जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।
  • पक्षियों की मदद से कीट नियंत्रण के लिए खेतों में बर्ड पर्चेस लगाएँ।
  • जब भी बीज, उर्वरक या कीटनाशक खरीदें, तो संबंधित दुकान से पक्का बिल अवश्य लें।
  • कृषि विभाग और मैदानी अधिकारी लगातार क्षेत्र का भ्रमण कर किसानों को रोग और कीट प्रबंधन संबंधी जानकारी दे रहे हैं। समय पर दवा और निगरानी से सोयाबीन की फसल को सुरक्षित रखकर किसान अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें- सोयाबीन की इस नई किस्म को आजमाएं और देखें फायदा

लेटेस्ट
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें