भारत ने तकनीक के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप राष्ट्र को समर्पित की। देखने में भले ही यह बेहद छोटी हो, लेकिन इसमें वह ताकत छिपी है जो न सिर्फ मोबाइल, कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स को संचालित करेगी, बल्कि खेती-किसानी का स्वरूप भी बदल देगी।
दरअसल, सेमीकंडक्टर चिप को किसी भी डिवाइस का ब्रेन कहा जाता है। यह सिलिकॉन बेस्ड डिवाइस में फिट होती है और इसमें हजारों इलेक्ट्रॉनिक सर्किट मौजूद होते हैं। अब जब भारत में एआई आधारित खेती पर प्रयोग तेजी से बढ़ रहे हैं, तो इस चिप के आने से किसानों की जिंदगी आसान होने के साथ कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
खेती में पानी की सही मात्रा तय करना हमेशा चुनौती रहा है। सेमीकंडक्टर चिप लगे सेंसर अब मिट्टी की नमी मापकर किसानों को तुरंत अलर्ट देंगे। इससे वे तय कर पाएंगे कि कब और कितनी सिंचाई करनी है। नतीजा—पानी की बचत होगी और फसल की पैदावार भी बेहतर होगी। खासतौर पर सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए यह तकनीक वरदान साबित होगी।
खेती में ड्रोन और स्मार्ट डिवाइस का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। इनमें लगी चिप्स रीयल-टाइम तस्वीरें और डेटा किसानों तक पहुंचाती हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी हिस्से की फसल पर रोग या कीट का हमला हो, तो किसान को तुरंत सूचना मिल जाएगी। इससे समय पर खाद या दवा का छिड़काव कर नुकसान कम किया जा सकेगा और उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
मौसम खेती का सबसे अहम कारक है। चिप बेस्ड डिवाइस अब मौसम की सटीक जानकारी और पूर्वानुमान किसानों तक पहुंचा पाएंगे। मोबाइल ऐप्स और सेंसर से जुड़ी ये तकनीक समय रहते अलर्ट देगी कि बारिश, ओलावृष्टि या तेज हवाओं की संभावना कब है। इससे किसान अपनी बुवाई, खाद डालने और कटाई का समय सही तरीके से तय कर सकेंगे।
चिप से सिंचाई और फसल निगरानी होगी आसान: भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप केवल तकनीक की सफलता नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक नई उम्मीद है। स्मार्ट सिंचाई, फसल निगरानी और मौसम पूर्वानुमान जैसे क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल कृषि क्षेत्र को आधुनिक और टिकाऊ बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।