केंद्र के कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए तीन बड़े कार्य किए हैं उत्पादन में बढ़ोतरी, लागत में कमी और किसानों को उचित मूल्य की सुनिश्चितता। उन्होंने कहा कि सरकार का एकमात्र लक्ष्य और सूत्र है किसानों का कल्याण।
श्री चौहान ने कहा कि यह गर्व की बात है कि वर्ष 2019 में सरकार ने यह निर्णय लिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत पर 50% लाभ जोड़कर तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब सरकार ने यह भी तय किया है कि तूर, मसूर और उड़द की 100% खरीद किसानों से की जाएगी। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली सरकार ने कहा था कि लागत पर 50% लाभ सीधे जोड़ने से बाजार में असंतुलन पैदा हो सकता है, लेकिन मोदी सरकार ने किसानों के हित में यह साहसिक निर्णय लिया।
संसद में दिए गए अपने उत्तर में श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सभी सिफारिशों का पालन कर रही है। उन्होंने बताया कि फसलों की MSP पर खरीद की जा रही है। किसानों को कुल लागत पर 50% लाभ दिया जा रहा है। कई फसलों पर यह लाभ 50% से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि 2014 के पूर्व दालों और तिलहनों की खरीद बहुत सीमित थी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसके लिए PM-ASHA योजना भी लागू की है।
श्री चौहान ने कहा कि कई राज्य सरकारें खरीद में सुस्ती दिखाती हैं, जिससे किसानों को समस्या होती है। इसलिए केंद्र ने निर्णय लिया है कि यदि राज्य सरकारें तूर, मसूर और उड़द की पर्याप्त खरीद नहीं करतीं, तो NAFED जैसी एजेंसियाँ सीधे खरीद करेंगी ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
श्री चौहान ने बताया कि:
जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 818.6 लाख मीट्रिक टन खरीदी।
उन्होंने कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिले।”
MSP में उल्लेखनीय वृद्धि, 10 वर्षों में ₹24.49 लाख करोड़ की खरीद:
श्री चौहान ने बताया कि वर्ष 2013–14 की तुलना में धान, ज्वार, बाजरा, रागी, तूर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि सभी फसलों के MSP में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने 10 वर्षों में MSP पर कुल ₹7.41 लाख करोड़ की खरीद की, जबकि मोदी सरकार ने ₹24.49 लाख करोड़ की खरीद कर किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
कर्नाटक में तूर खरीद का उदाहरण:
श्री चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष कर्नाटक सरकार ने 2024–25 में तूर की खरीद की बात कही थी। केंद्र सरकार ने उन्हें कहा कि हम 100% खरीद करेंगे। लेकिन राज्य सरकार ने केवल 25% खरीद की अनुमति मांगी और सरकार द्वारा स्वीकृत 3,06,150 MT के मुकाबले सिर्फ 2,16,303 MT की ही खरीद कर पाई।
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