किसान भाइयों और व्यापारी दोस्तों, अगर आप चावल की मंडी कीमतों पर नजर रखते हैं, तो आज की रिपोर्ट आपके लिए बेहद जरूरी है। 11 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश की प्रमुख अनाज मंडियों में चावल के भाव में ₹10 से ₹50 प्रति क्विंटल तक की मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह मामूली तेजी यूं ही नहीं आई है। इसके पीछे तीन बड़ी वजहें हैं पहली, बरसात की देरी, जिससे धान की बुवाई पिछड़ रही है। दूसरी, धान की खेती में रुकावटें और तीसरी, त्योहारी मांग जो अब धीरे-धीरे तेज हो रही है। ये तीनों कारण भविष्य में चावल के बाजार को बड़ा झटका या फायदा दे सकते हैं।
अब सवाल उठता है क्या ये हलचल आगे चलकर बड़ी तेजी में बदल सकती है? क्या आने वाले हफ्तों में चावल की कीमतें और ऊपर जाएंगी? अगर आपके पास पुराना स्टॉक है, तो ये समय सही भाव मिलने का हो सकता है। वहीं, अगर आप व्यापारी हैं, तो मंडी रुझानों पर पैनी नजर बनाए रखना आपके लिए बेहद फायदेमंद रहेगा।
आइए, आगे की रिपोर्ट में जानिए:
याद रखिए चावल का बाजार शांत जरूर है, लेकिन अंदर ही अंदर बड़ी हलचल की तैयारी में है। सही समय पर फैसला लेकर ही आप अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
मंडी का नाम | वैरायटी | 05 जुलाई 2025 (₹/क्विंटल) | 11 जुलाई 2025 (₹/क्विंटल) | चावल के भाव में तेजी |
मैनपुरी | Common | ₹ 3,410 | ₹ 3,425 | ₹15 |
एटा (Etawah) | Grade III | ₹ 3,200 | ₹ 3,250 | ₹50 |
गोरखपुर | Common | ₹ 3,235 | ₹ 3,245 | ₹10 |
हरदोई | Common | ₹ 3,165 | ₹ 3,175 | ₹10 |
इलाहाबाद | Common | ₹ 3,085 | ₹ 3,115 | ₹30 |
बलिया | Grade III | ₹ 3,290 | ₹ 3,300 | ₹10 |
फर्रुखाबाद | Grade III | ₹ 3,000 | ₹ 3,025 | ₹25 |
पिछले एक हफ्ते में उत्तर प्रदेश की कई मंडियों में चावल के भाव धीरे-धीरे बढ़े हैं। कहीं ₹10 तो कहीं ₹50 प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी गई है। किसान भले इसे बहुत बड़ी उछाल न मानें, लेकिन बाजार में जो हलचल शुरू हुई है, वो आगे दाम और बढ़ने का संकेत देती है।
बरसात की देरी ने बढ़ाई चिंता: इस बार बारिश समय से नहीं हो रही। जिन जिलों में धान की बुवाई शुरू होनी थी, वहां किसान अभी इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में बाजार में ये डर है कि अगर धान की पैदावार कम हुई, तो आगे चावल की कमी हो सकती है। इसलिए व्यापारी अभी से स्टॉक कर रहे हैं जिससे मंडियों में दाम ऊपर जा रहे हैं।
डिमांड भी थोड़ा बढ़ा है: त्योहारों का सीजन नजदीक है। साथ ही स्कूल-कॉलेज भी खुल चुके हैं यानी खाने की खपत बढ़ रही है। मंडियों में व्यापारियों की खरीद बढ़ी है, जिससे दामों में हल्की तेजी आ गई है।
किस मंडी में क्या हाल रहा?
आगे क्या हो सकता है?
अगर बरसात यूं ही लेट होती रही, तो चावल के दामों में और तेजी आ सकती है। किसान भाई जिनके पास पुराना स्टॉक है, वो अच्छे रेट मिलने पर बेच सकते हैं। वहीं व्यापारी सोच-समझकर खरीदारी करें — क्योंकि अभी रेट धीरे-धीरे ऊपर की ओर जा रहे हैं।
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