भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का 97वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को नई दिल्ली स्थित एनएएससी परिसर के सी. सुब्रमण्यम हॉल में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
इस ऐतिहासिक अवसर पर ‘राष्ट्रीय कृषि विज्ञान पुरस्कार’ प्रदान किए जाएंगे, साथ ही नई तकनीकों, उत्पादों, प्रकाशनों और समझौता ज्ञापनों (MoUs) का विमोचन किया जाएगा। इसके अलावा 'विकसित कृषि प्रदर्शनी' (Viksit Krishi Exhibition) के माध्यम से देश की कृषि प्रगति को दर्शाया जाएगा।
2024-25 की प्रमुख उपलब्धियां Key Achievements of 2024-25:
वर्ष 2024–25 में देश ने अब तक का सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन 353.95 मिलियन टन हासिल किया। भारत ने 149.1 मिलियन टन चावल उत्पादन के साथ विश्व में पहला स्थान और 40% वैश्विक निर्यात में भागीदारी बनाए रखी। इसके अलावा, दूध उत्पादन में 239.3 मिलियन टन के साथ पहला, 117.3 मिलियन टन गेहूं उत्पादन के साथ दूसरा और 367.72 मिलियन टन बागवानी उत्पादन के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। मछली उत्पादन में भी भारत ने 18.42 मिलियन टन के साथ दूसरा स्थान बनाए रखा।
11 अगस्त 2025 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 109 नई उच्च उत्पादक, जलवायु सहनशील और पोषक तत्वों से भरपूर फसल किस्में जारी कीं। आईसीएआर ने ‘एक वैज्ञानिक, एक उत्पाद, ‘100 दिन 100 तकनीक’, ‘100 दिन 100 किस्में’ जैसी प्रमुख पहलें शुरू की हैं। इसके तहत 1.35 करोड़ किसानों और 1.40 लाख गांवों को लाभ मिला है।
फसल विज्ञान और नवाचार: आईसीएआर ने वर्षभर में 679 नई फसल किस्में विकसित कीं, जिनमें 27 बायोफोर्टिफाइड किस्में शामिल हैं। बासमती चावल निर्यात ₹50,000 करोड़ पहुंचा, जिसमें 90% हिस्सेदारी केवल चार ICAR किस्मों की रही। गेहूं का उत्पादन 115.3 मिलियन टन पहुंचा, जिसमें 85% क्षेत्र ICAR की जलवायु अनुकूल किस्मों से कवर हुआ।
आईसीएआर ने दुनिया की पहली 2 जीनोम एडिटेड धान की किस्में भी विकसित की हैं।
बागवानी, मत्स्य, और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन:
आईसीएआर ने 83 नई बागवानी किस्में, 1860 नए जर्मप्लाज्म का संकलन और 2200 टन बीजरूप जड़ फसलों का उत्पादन किया। फिशरीज में 30–40 टन/हेक्टेयर उत्पादन वाला सुपर इंटेंसिव प्रणाली विकसित की गई।
प्राकृतिक संसाधनों में 40,000 नमूनों की नेशनल सॉयल स्पेक्ट्रल लाइब्रेरी, 35 नई GAPs, और 18% तक मीथेन उत्सर्जन घटाने वाला माइक्रोबियल कंसोर्टियम तैयार किया गया।
पशुधन और कृषि यांत्रिकी:
आईसीएआर ने 10 देसी पशु नस्लों का पंजीकरण किया, 5 टीके और 7 डायग्नोस्टिक किट विकसित कीं। डेयरी के लिए स्मार्ट सेंसर और 2 नई मुर्गी नस्लें भी लॉन्च की गईं।
कृषि यांत्रिकी में 45 नई मशीनें, 8 प्रक्रिया प्रोटोकॉल, और 301 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कृषि शिक्षा और वैश्विक जुड़ाव:
आईसीएआर ने 76 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं, पीएम-ओएनओएस योजना शुरू की, और एशियाई छात्रवृत्ति योजना चलाई। 22 विश्वविद्यालयों में 50 अनुभवात्मक शिक्षण इकाइयां, 166 प्रशिक्षण, और मूक्स कोर्स भी शामिल रहे।
आईसीएआर की कृषि विस्तार सेवाएं
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने वर्ष 2024–25 में कृषि विस्तार सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। किसानों तक तकनीकी जानकारी पहुँचाने और नवाचारों को ज़मीनी स्तर पर लागू करने के लिए कई प्रभावशाली कार्यक्रम चलाए गए हैं।
किसानों तक पहुंच और प्रशिक्षण: आईसीएआर द्वारा 42 हजार ऑन-फार्म ट्रायल्स (OFTs) और 2.66 लाख फ्रंटलाइन डेमोंस्ट्रेशन (FLDs) आयोजित किए गए, जिनमें 1.41 लाख प्रदर्शन तिलहन और दलहन पर केंद्रित रहे। इन प्रयासों से 18.57 लाख किसानों और 1.77 लाख कृषि विस्तार अधिकारियों को प्रशिक्षण मिला। मृदा, जल और पौधों के इनपुट के 3.8 लाख नमूनों का परीक्षण कर 4.19 करोड़ कस्टमाइज्ड मोबाइल सलाहें भेजी गईं, जिससे किसानों को स्थान-विशिष्ट और समय पर सलाह मिल सकी।
पराली प्रबंधन और संसाधन केंद्र:
पराली प्रबंधन अभियान (CRM) के अंतर्गत पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 65 जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में 80% तक की कमी दर्ज की गई (2020 की तुलना में)। इसके अतिरिक्त, 299 कस्टम हायरिंग सेंटर, 82 जलवायु अनुकूल बीज बैंक, और 34 चारा बैंक स्थापित किए गए।
पोषण आधारित पहल: NARI: आईसीएआर की न्यूट्री-सेंसिटिव एग्री रिसोर्स इनोवेशन (NARI) योजना के तहत 18,000 आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिकाएं विकसित की गईं। साथ ही 694 कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से 16,952 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें से 3,398 उद्यम इकाइयों में 5,472 युवा आजीविका चला रहे हैं।
एफपीओ को मिला तकनीकी सहयोग: आईसीएआर ने 3,093 किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को तकनीकी सहायता दी और 1.22 लाख सदस्यों के लिए 3,002 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए।
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) में अग्रणी: वर्ष 2024–25 में आईसीएआर ने 125 पेटेंट प्राप्त किए, 307 कॉपीराइट पंजीकृत कराए और 120 डिज़ाइन व 111 ट्रेडमार्क आवेदन दायर किए। साथ ही 1,012 तकनीकी लाइसेंसिंग समझौते और 72 परामर्श / अनुबंध अनुसंधान समझौते किए गए, जो नवाचार-आधारित कृषि परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं।
वैश्विक मंचों पर भारत की उपस्थिति:
आईसीएआर ने आसियान, सार्क, बिम्सटेक, क्वाड, ब्रिक्स, G20, एससीओ जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के साथ साझेदारी मजबूत की। संगठन CGIAR, ICARDA, और BI-CIAT जैसे वैश्विक अनुसंधान निकायों का सक्रिय सदस्य रहा।
वर्षभर में 5 द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बैठकें आयोजित की गईं और 9 एमओयू और कार्य योजनाएं हस्ताक्षरित की गईं। ASEAN-भारत छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 50 छात्रों को कृषि एवं संबद्ध विज्ञान में उच्च शिक्षा के लिए चयनित किया गया।
प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम: