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पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान पर लगाम लगाने के लिये सरकार की 6 बड़ी योजनाएं

पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान पर लगाम
पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान पर लगाम

कृषि उपज में होने वाले फसल कटाई के बाद (पोस्ट-हार्वेस्ट) नुकसान को कम करने के लिए भारत सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। इस दिशा में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) ने वर्ष 2022 में "भारत में कृषि उत्पादों के फसल कटाई के बाद नुकसान का अध्ययन" शीर्षक से एक विस्तृत अध्ययन करवाया। यह अध्ययन NABARD कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वर्ष 2020-22 को संदर्भ वर्ष मानकर किया गया, जिसमें देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों के अंतर्गत 292 जिलों में 54 प्रमुख कृषि उत्पादों को शामिल किया गया।

कृषि उपज में नुकसान का आकलन (प्रतिशत में) Assessment of loss in agricultural produce (in percentage):

फसल/उत्पाद नुकसान (%)
अनाज 3.89 - 5.92
दलहन 5.65 - 6.74
तिलहन 2.87 - 7.51
फल 6.02 - 15.05
सब्ज़ियाँ 4.87 - 11.61
मसाले व बागानी फसलें 1.29 - 7.33
दूध 0.87
अंतर्देशीय मत्स्य पालन 4.86
समुद्री मत्स्य पालन 8.76
मांस 2.34
पोल्ट्री 5.63
अंडा 6.03

सबसे अधिक नुकसान फल, सब्ज़ियों और समुद्री मत्स्य पालन में पाया गया। अध्ययन के अनुसार, कटाई, भंडारण, परिवहन और हैंडलिंग की असक्षमता इन नुकसानों का प्रमुख कारण है। नुकसान कम करने के लिए सरकारी योजनाएं, सरकार ने एक समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाते हुए कई योजनाओं के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने का कार्य शुरू किया है:

  1. समेकित बागवानी विकास मिशन (MIDH): फल और सब्ज़ियों के लिए कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेम्बर और पैक हाउस जैसी पोस्ट-हार्वेस्ट अवसंरचना तैयार करने में सहायता प्रदान करता है।
  2. कृषि अवसंरचना निधि (AIF): पोस्ट-हार्वेस्ट भंडारण, कोल्ड चेन और प्राथमिक प्रोसेसिंग इकाइयों के निर्माण हेतु मध्यम से दीर्घकालीन ऋण सहायता उपलब्ध कराता है।
  3. कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI): बाजार स्तर पर भंडारण और विपणन ढांचे को मज़बूत कर सप्लाई चेन में नुकसान को कम करने के लिए सहायता देता है।
  4. राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM): किसानों को बेहतर बाज़ार पहुँच और मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता प्रदान करता है जिससे माल की बर्बादी कम होती है।
  5. 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPOs): प्राथमिक प्रोसेसिंग, भंडारण और बाज़ार से जुड़ाव में सामूहिकता लाकर छोटे किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
  6. PM किसान संपदा योजना (PMKSY): खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही यह योजना पोस्ट-हार्वेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रोसेसिंग सुविधाएं विकसित कर नुकसान को घटाने और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।
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