प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना, फरवरी 2019 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है। इसका उद्देश्य खेती योग्य भूमि वाले किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है। योजना के तहत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता तीन समान किस्तों में सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जाती है। योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य भूमि है, कुछ उच्च आय वर्ग के अपवादों को छोड़कर।
योजना के लाभ सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलिए के पहुंचाने के लिए किसान-केंद्रित डिजिटल ढांचा तैयार किया गया है। पंजीकरण और सत्यापन की पारदर्शी प्रक्रिया के तहत अब तक 20 किस्तों में ₹3.90 लाख करोड़ से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त सत्यापित डेटा के आधार पर भुगतान सीधे DBT मोड में किया जाता है।
किसानों के पंजीकरण को आसान और योजना के क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए PFMS, UIDAI और आयकर विभाग के साथ एकीकरण, भूमि रिकॉर्ड सीडिंग, आधार आधारित भुगतान और ई-केवाईसी जैसी तकनीकी पहलें लागू की गईं। दिसंबर 2022 से 13वीं किस्त से आधार आधारित भुगतान अनिवार्य कर दिया गया, जिससे भुगतान सीधे किसान के आधार लिंक्ड खाते में हो रहा है। इससे खाते में बदलाव या बैंक विलय जैसी समस्याओं पर रोक लगी और 19वीं किस्त में 99.92% ट्रांजेक्शन सफलता दर हासिल हुई।
यदि कोई भुगतान असफल होता है, तो उसे समय-समय पर पुनः प्रोसेस किया जाता है। प्रमुख कारणों में बैंक द्वारा NPCI मैपर से आधार हटाना, आधार-खाता लिंक न होना या खाता बंद होना शामिल है। ऐसी स्थिति में किसान और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को त्रुटि सुधार के लिए सूचित किया जाता है और सुधार होने पर अगली किस्त में भुगतान जारी कर दिया जाता है।
शिकायत निवारण के लिए विशेष व्यवस्था: योजना के तहत किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सीपीग्राम्स पोर्टल, पीएम-किसान पोर्टल, ईमेल और फिजिकल रसीद के माध्यम से शिकायत निवारण की व्यवस्था है। इसके अलावा, सितंबर 2023 में एआई आधारित 'किसान ई-मित्र चैटबॉट' लॉन्च किया गया, जो 24x7 किसानों की भाषा में सटीक जवाब देता है। यह वेब और मोबाइल सहित सभी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और 11 भाषाओं (अंग्रेजी, हिंदी, ओडिया, तमिल, बंगाली, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु, मराठी) में सेवाएं प्रदान करता है। 15 जुलाई 2025 तक यह चैटबॉट 53 लाख किसानों के 95 लाख से अधिक प्रश्नों का समाधान कर चुका है।
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