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NPDD योजना से डेयरी क्षेत्र में बड़ा बदलाव: 31,000 से अधिक समितियां, 60,000 से अधिक दूध जांच लैब, करोड़ों पशुपालकों को लाभ

पशुपालकों को लाभ पहुंचाती डेयरी समिति
पशुपालकों को लाभ पहुंचाती डेयरी समिति

देशभर में पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा वर्ष 2014-15 से केंद्रीय क्षेत्र की योजना "राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)" को लागू किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना, संगठित दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन की भागीदारी को बढ़ाना है। इस योजना के तहत विकसित की गई आधारभूत संरचना से राज्य सहकारी दुग्ध संघों/संघों/उत्पादक कंपनियों से जुड़े सभी दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिल रहा है।

120 लाख किलोग्राम प्रतिदिन दूध खरीद में इजाफा:

NPDD योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 31,908 डेयरी सहकारी समितियों (DCS) का गठन/पुनर्जीवन किया गया है। इसके माध्यम से 17.63 लाख नए दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा गया है और दूध खरीद में 120.68 लाख किलोग्राम प्रतिदिन की वृद्धि हुई है।

61,677 दूध परीक्षण लैब और 5,995 बल्क मिल्क कूलर स्थापित:

योजना के तहत देशभर में अब तक 61,677 गांव-स्तरीय दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं और 5,995 बल्क मिल्क कूलर्स (BMCs) की स्थापना की गई है, जिनकी कुल ठंडा करने की क्षमता 149.35 लाख लीटर है। साथ ही, 279 डेयरी प्लांट प्रयोगशालाओं को भी उन्नत किया गया है, जिनमें FTIR तकनीक आधारित मिल्क एनालाइज़र जैसी दूध मिलावट पहचान प्रणाली लगाई गई है।

देशभर में 21,902 नई डेयरी समितियों के गठन का लक्ष्य:

संशोधित योजना के अंतर्गत 2025-26 में देशभर में 21,902 नई डेयरी सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य तय किया गया है। इस हेतु कुल ₹407.37 करोड़ का वित्तीय प्रावधान स्वीकृत किया गया है, जिसमें ₹211.90 करोड़ भारत सरकार का अंश और ₹195.47 करोड़ कार्यान्वयन संस्थाओं का अंशदान है। अब तक राज्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1,804 समितियों का गठन किया जा चुका है, जिससे 37,793 नए दुग्ध उत्पादकों को रोजगार का अवसर मिला है।

मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स से लाखों पशुपालक लाभान्वित:

देशभर में कुल 4019 मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स (MVUs) सक्रिय हैं, जिनमें मध्यप्रदेश में 406 और आंध्र प्रदेश में 340 यूनिट्स संचालित हो रही हैं। इनके माध्यम से अब तक 96.86 लाख पशुपालक और 2.01 करोड़ से अधिक पशुओं को चिकित्सा सुविधा दी जा चुकी है। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में 15,307 पशुपालक और 19,472 पशु MVU की सेवाओं से लाभान्वित हुए हैं।

 

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