हर वर्ष केंद्र सरकार 22 अधिसूचित कृषि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। यह मूल्य कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों और राज्यों व संबंधित मंत्रालयों के सुझावों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। वर्ष 2024-25 (जून 2025 तक) में एमएसपी के तहत की गई खरीद, किसानों को दिए गए भुगतान और लाभान्वित किसानों की संख्या इस प्रकार है:
फरवरी 2019 में शुरू की गई इस योजना के तहत छोटे एवं सीमांत भूमिधारी किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की वित्तीय सहायता तीन समान किश्तों में सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। योजना के तहत अब तक 19 किस्तों में ₹3.69 लाख करोड़ से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है।
खरीफ 2016 से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं या मौसम जनित जोखिमों से फसल क्षति की भरपाई कर किसानों की आय को स्थिर बनाना है। जून 2025 तक, किसानों ने ₹35,753 करोड़ प्रीमियम का भुगतान किया है और इसके बदले में उन्हें ₹1.83 लाख करोड़ का दावा भुगतान मिला है—जो कि किसानों द्वारा दिए गए प्रीमियम से लगभग 5 गुना अधिक है।
संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कार्यशील पूंजी हेतु कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाता है। पिछले पांच वर्षों में किए गए फंड वितरण का विवरण निम्नानुसार है:
वर्ष | वितरित राशि (₹ करोड़ में) |
2020-21 | 17,789.72 |
2021-22 | 21,476.93 |
2022-23 | 17,997.88 |
2023-24 | 14,251.92 |
2024-25 | 17,811.72 |
कृषि अवसंरचना निधि (AIF):
‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत वर्ष 2020 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य फसल उपरांत भंडारण, प्रसंस्करण व सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश के लिए दीर्घकालीन वित्तीय सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत ₹1 लाख करोड़ तक के ऋण की व्यवस्था की गई है, जिस पर अधिकतम 9% ब्याज की सीमा तय की गई है।
30 जून 2025 तक इस योजना के अंतर्गत 1,13,419 परियोजनाओं को ₹66,310 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिससे कृषि क्षेत्र में कुल ₹1.07 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं: