किसानों के लिए यह एक लाभदायक समाचार है। रेज्ड बेड प्लांटर मशीन की मदद से मक्के की बोवनी में अत्यधिक वर्षा के बावजूद फसल को किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई है। यह उन्नत तकनीक अब मक्का, दलहन और तिलहन जैसी फसलों के लिए सफल और लाभदायक समाधान बनकर उभर रही है।
इस मशीन के माध्यम से खेत में मिट्टी की उभरी हुई मेड़ें (रेज्ड बेड) बनाई जाती हैं, जिन पर बीजों की बोवनी की जाती है। मशीन में एक विशेष प्रणाली होती है, जिससे अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में अतिरिक्त पानी नालियों के ज़रिए बाहर निकल जाता है, जिससे फसल को पानी से होने वाली क्षति नहीं होती।
इसके विपरीत, कम वर्षा होने पर भी यह तकनीक वर्षा जल को पौधों की जड़ों तक पहुंचने में मदद करती है, जिससे पौधों को आवश्यक नमी मिलती है और उनकी वृद्धि बेहतर होती है।
कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी श्री एन. एल. मेहरा ने बताया कि यह पद्धति विशेष रूप से मक्का, दलहन और तिलहन फसलों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। इससे न केवल फसल की उत्पादकता में वृद्धि होती है, बल्कि कृषकों की आय भी बढ़ रही है।
किसानों की सफलता का मिसाल:
पनागर विकासखंड के निवासी प्रगतिशील कृषक ने अपने खेतों में रेज्ड बेड प्लांटर तकनीक को अपनाया और उन्हें बेहद सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए। उनकी सफलता देखकर आसपास के कई किसान भी इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं।
किसानों के लिए सुनहरा अवसर:
रेज्ड बेड प्लांटर मशीन से मक्के की बोवनी करना एक उन्नत और वैज्ञानिक तरीका है, जो खेत की जल निकासी, नमी प्रबंधन और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह तकनीक अब जबलपुर क्षेत्र के किसानों के लिए फसल उत्पादन बढ़ाने और आय में सुधार करने का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है। रेज्ड बेड प्लांटर मशीन ने यह साबित कर दिया है कि यदि किसान उन्नत तकनीकों को अपनाएं, तो प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद भी अच्छी पैदावार और आय संभव है। यह तकनीक किसानों को न केवल फसल सुरक्षा देती है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाती है।
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