31 जुलाई 2025 की टुडे मंडी भाव रिपोर्ट ने लहसुन बाजार को लेकर पूरे देश में हलचल मचा दी है। सोचिए, एक ही दिन पर कहीं लहसुन ₹1500 प्रति क्विंटल में औने-पौने दामों पर बिका, तो कहीं वही लहसुन ₹8000 प्रति क्विंटल तक की ऊंचाई छू गया, ये कोई मामूली उतार-चढ़ाव नहीं है बल्कि सीधा इशारा करता है कि गुणवत्ता, आवक और खरीदारों की मांग ने इस बार मंडियों का रुख पूरी तरह बदल दिया है। खासकर उन मंडियों में, जहां न्यूनतम और अधिकतम कीमत के बीच हजारों रुपये का अंतर देखा गया, वहां किसान और व्यापारी दोनों असमंजस में हैं क्या बेचना सही रहेगा या थोड़ा रुकना समझदारी होगी? अगर आप भी इस वक्त लहसुन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेटेस्ट मंडी प्राइस रिपोर्ट आपके लिए किसी अलार्म से कम नहीं! जानिए कहां मिल रहे हैं सबसे बेहतर रेट, कहां है अभी भी दबाव और वो रणनीति जो आपके मुनाफे को सीधा प्रभावित कर सकती है।
राज्य
|
मंडी | आवक (टन) | किस्म | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) |
महाराष्ट्र | पुणे (मोशी) | 4.5 | अन्य | ₹ 8,000 | ₹ 8,000 |
राहाता | 0.3 | अन्य | ₹ 4,000 | ₹ 6,000 | |
मध्य प्रदेश | भोपाल | 2.3 | लहसुन | ₹ 1,500 | ₹ 5,500 |
राजस्थान | जोधपुर (फल एवं सब्ज़ी) | 55 | अन्य | ₹ 3,000 | ₹ 7,000 |
राजसमंद | 40 | अन्य | ₹ 4,000 | ₹ 6,000 | |
श्रीगंगानगर (फल व सब्ज़ी) | 45 | लहसुन | ₹ 5,800 | ₹ 6,200 | |
सूरतगढ़ | 0.1 | औसत किस्म | ₹ 6,800 | ₹ 7,100 | |
उत्तर प्रदेश | लखनऊ | 7 | लहसुन | ₹ 6,300 | ₹ 6,500 |
रायबरेली | 1.6 | लहसुन | ₹ 6,300 | ₹ 6,400 | |
इलाहाबाद | 14 | लहसुन | ₹ 6,520 | ₹ 6,615 | |
इटावा | 10 | लहसुन | ₹ 5,300 | ₹ 5,700 |
लहसुन के बाजार में आज मिश्रित संकेत देखने को मिले। महाराष्ट्र की Pune (Moshi) मंडी में भाव ₹8000 पर स्थिर रहे, जबकि Rahata में दाम ₹4000 से ₹6000 के बीच रहे, जो मांग और गुणवत्ता के अंतर को दिखाता है।
उत्तर प्रदेश में भाव तुलनात्मक रूप से मजबूत रहे। इलाहाबाद में अधिकतम ₹6615 प्रति क्विंटल तक के भाव दर्ज हुए, वहीं लखनऊ और रायबरेली जैसे केंद्रों में ₹6300–₹6500 का रेंज रहा, जो इस क्षेत्र में स्थिर मांग को दर्शाता है।
राजस्थान की मंडियों में उछाल की स्थिति दिखी खासकर सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर जैसी जगहों पर भाव ₹7000 के पार निकले। वहीं जोधपुर में अधिकतम भाव ₹7000 रहा, जो आज की उच्चतम दरों में से एक है।
दूसरी ओर, भोपाल जैसी मंडियों में न्यूनतम कीमत मात्र ₹1500 तक गिर गई, जिससे संकेत मिलता है कि गुणवत्ता और आवक में भारी अंतर है।
ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश की मंडियों में चावल के दाम बढ़े, देखें लिस्ट
किसानों के लिए सलाह: