सरकारी योजना से उद्योग और व्यापार को नई दिशा
By khetivyapar
पोस्टेड: 04 Sep, 2025 12:00 AM IST Updated Thu, 04 Sep 2025 11:09 AM IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में क्रिटिकल मिनरल रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य बैटरी वेस्ट और ई-वेस्ट से महत्वपूर्ण खनिजों के पुनः उपयोग की क्षमता विकसित करना है।
राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन का हिस्सा:
यह योजना नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) का अहम हिस्सा है, जिसका लक्ष्य देश में खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मज़बूत और आत्मनिर्भर बनाना है। खनिजों की खोज, नीलामी और खदान संचालन में समय लगता है, ऐसे में निकट भविष्य में उनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुनर्चक्रण सबसे कारगर उपाय माना गया है।
योजना की अवधि और लाभार्थी:
यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक छह साल के लिए लागू जायेगी।
- योग्य फीडस्टॉक में ई-वेस्ट, लिथियम आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप और जीवन-समाप्त वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर्स शामिल होंगे।
- योजना से बड़े स्थापित रीसाइक्लर्स के साथ-साथ छोटे उद्योग और स्टार्ट-अप्स को भी लाभ मिलेगा।
- निवेश नए यूनिट लगाने, क्षमता विस्तार, आधुनिकीकरण और विविधीकरण पर भी लागू होगा।
प्रोत्साहन का ढांचा:
- कैपेक्स सब्सिडी: संयंत्र व मशीनरी पर 20% पूंजीगत सब्सिडी।
- ओपेक्स सब्सिडी: आधार वर्ष 2025-26 से अधिक बिक्री पर प्रोत्साहन।
- एक इकाई को अधिकतम 50 करोड़ रुपये (बड़े उद्यम) और 25 करोड़ रुपये (छोटे उद्यम) तक की सब्सिडी दी जाएगी।
संभावित उपलब्धियां:
- योजना से हर साल कम से कम 270 किलो टन पुनर्चक्रण क्षमता और लगभग 40 किलो टन महत्वपूर्ण खनिज उत्पादन संभव हो सकेगा।
- इससे करीब 8,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और लगभग 70,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
योजना बनाने से पहले सरकार ने उद्योग जगत और हितधारकों से कई दौर की चर्चा की।