इस वर्ष खरीफ सीजन में रीवा संभाग के किसानों ने रिकॉर्डतोड़ बुवाई कर लक्ष्य से अधिक क्षेत्र में फसलें बोई हैं। समय पर और पर्याप्त वर्षा के कारण जून से शुरू हुई बुवाई में किसानों का उत्साह दोगुना रहा। कृषि विभाग द्वारा 9.92 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य तय किया गया था, जिसके मुकाबले अब तक 9 लाख 96 हजार 780 हेक्टेयर में फसलों की बोनी पूरी हो चुकी है।
खरीफ का प्रमुख फसल धान है। इसके लिए 6 लाख 98 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन अच्छी वर्षा और सिंचाई सुविधा के चलते किसानों ने 7 लाख 12 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई कर दी है।
अन्य खरीफ फसलें संयुक्त संचालक कृषि के.एस. नेताम के अनुसार, वर्षा ने केवल धान ही नहीं बल्कि अन्य खरीफ फसलों की बुवाई को भी बढ़ावा दिया।
रीवा, मऊगंज और सतना जिलों ने 100% लक्ष्य हासिल किया, जबकि मैहर ने 101%, सीधी ने 100% और सिंगरौली ने 102% बुवाई कर रिकॉर्ड बनाया। कृषि विभाग का कहना है कि लगातार हो रही वर्षा से फसलों की स्थिति संतोषजनक है और उत्पादन की संभावना और बेहतर बनी हुई है।
खेती को और आधुनिक बनाने के लिए किसान अब ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल (dbt.mpdage.org) के माध्यम से विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया 2 सितंबर से शुरू हो चुकी है।
आवेदन के आधार पर लक्ष्य तय किए जाएंगे और चयन हेतु लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आवेदन के लिए धरोहर राशि:
यह डीडी सहायक कृषि यंत्री, रीवा के नाम से बनवाना अनिवार्य होगा।
आवश्यक दस्तावेज़:
आवेदन करते समय किसान को निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे:
अधिक जानकारी के लिए किसान नजदीकी कृषि अभियांत्रिकी विभाग, सहायक कृषि यंत्री कार्यालय, रीवा से संपर्क कर सकते हैं।