कृषि क्षेत्र में वर्ष 2025-26 (जुलाई–जून) के खरीफ सीजन की बुआई कार्य अभी जारी है और सभी प्रमुख खरीफ फसलों के प्रथम अग्रिम अनुमान अभी जारी नहीं हुए हैं। पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, कई खरीफ फसलों के रकबे और उत्पादन में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि और कमी देखी गई है।
वर्ष 2024-25 (तृतीय अग्रिम अनुमान) के अनुसार, धान का रकबा 434.13 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष से 6.58% अधिक है। मक्का का रकबा 84.30 लाख हेक्टेयर (1.21% वृद्धि) और तुअर 43.28 लाख हेक्टेयर (4.77% वृद्धि) रहा। वहीं, उड़द में 21.63% की बड़ी गिरावट दर्ज हुई। मूंग का रकबा 6.84% बढ़ा, जबकि मूंगफली में 23.52% की सबसे ज्यादा बढ़त देखी गई। सोयाबीन, गन्ना और कपास के रकबे में कमी आई।
धान का उत्पादन 1218.54 लाख टन रहा, जो पिछले वर्ष से 7.59% अधिक है। मक्का में 11.68% और मूंग में 51.39% की बड़ी बढ़त दर्ज हुई। वहीं उड़द का उत्पादन 18.83% घटा। मूंगफली और सोयाबीन के उत्पादन में क्रमशः 19.72% और 16.21% की वृद्धि रही, जबकि कपास और गन्ना के उत्पादन में गिरावट आई।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि सरकार किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कई कदम उठाती है।
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