हरियाणा में मछली पालन क्षेत्र तेज़ी से विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वर्तमान में राज्य इनलैंड (तालाब आधारित) मछली पालन में देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। अब हरियाणा का लक्ष्य मछली उत्पादन में देश का नंबर एक राज्य बनना है। इसी दिशा में राज्य सरकार ने ठोस कार्ययोजना तैयार की है, जिसकी घोषणा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने हाल ही में आयोजित एक समीक्षा बैठक में की।
बैठक में मत्स्य पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जहां बजट 2025 में मछली पालन क्षेत्र से जुड़ी प्रमुख घोषणाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सरकारी योजनाओं का लाभ आखिरी कतार में खड़े मछली पालक तक पहुंचाया जाए।
मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 25 कोल्ड स्टोरेज बनकर तैयार हो चुके हैं। 18 नए कोल्ड स्टोरेज का निर्माण जारी है। इनमें से 10 कोल्ड स्टोरेज पर किसानों को सब्सिडी भी जारी की जा चुकी है। मछली की गुणवत्ता बनाए रखने और विपणन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सरकार विशेष कोल्ड चेन नेटवर्क विकसित कर रही है, जिससे मछली लंबे समय तक ताज़ा और सुरक्षित रह सके। इसके अलावा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और हिसार में मछली मंडी स्थापित करने की योजना भी अंतिम चरण में है, जिससे किसानों को स्थानीय स्तर पर बेहतर बाजार मिल सकेगा।
मंत्री राणा ने कहा कि राज्य सरकार नए और मौजूदा मछली पालकों को उच्च गुणवत्ता वाले मछली बीज (फिश सीड) उपलब्ध कराएगी। प्रदेश में पहले से 15 सरकारी मत्स्य बीज केंद्र कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी बताया कि तालाबों पर सोलर सिस्टम लगाने हेतु अब तक 45 लाख रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। जिन किसानों की सब्सिडी लंबित (पेंडिंग) है, उसे भी जल्द जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि मत्स्य बीज से लेकर बिक्री तक, पूरी सप्लाई चेन किसानों के लिए सुगम और लाभकारी बनाई जाए।
हरियाणा के कई जिलों में झींगा पालन तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन प्रदेश में अब तक कोई झींगा प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है। इसी जरूरत को देखते हुए सरकार झींगा प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की योजना पर काम कर रही है। साथ ही, भिवानी के गाँव गरवा में 24.5 एकड़ भूमि पर एकीकृत एक्वा पार्क विकसित किया जाएगा।
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