धान की रोपाई में आधुनिक तकनीक का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है। इसी क्रम में सांसद श्री आशीष दुबे ने विकासखंड पाटन के ग्राम दिघौरा में किसान श्री कुशाग्र पलहा के खेत पर पेड़ी ट्रांसप्लांटर मशीन से हो रही रोपाई का अवलोकन किया और किसानों को इस तकनीक को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिलेभर में इस मशीन का प्रदर्शन किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक किसान इससे परिचित हो सकें और धान की रोपाई में समय, श्रम व धन की बचत कर अतिरिक्त लाभ कमा सकें।
पेड़ी ट्रांसप्लांटर मशीन की कार्यप्रणाली देखकर सांसद श्री दुबे ने खुद मशीन को भी चलाकर देखा। इस दौरान उप संचालक कृषि डॉ. एस.के. निगम ने जानकारी दी कि इस मशीन की कुल लागत ₹14.40 लाख है, जिसमें किसानों को कृषि विभाग द्वारा ₹5 लाख तक का अनुदान दिया जाता है। किसान कुशाग्र पलहा ने भी इसी योजना के तहत मशीन प्राप्त की है।
श्री पलहा ने बताया कि मजदूरों की कमी के कारण परंपरागत रोपाई में खर्च अधिक हो गया है। एक एकड़ में सामान्यत: ₹7,000 से ₹8,000 तक की लागत आती है, जबकि पेड़ी ट्रांसप्लांटर मशीन से यह लागत घटकर मात्र ₹1,500 से ₹1,600 तक रह जाती है। यह मशीन एक दिन में लगभग 8 एकड़ तक की रोपाई कर सकती है।
इस अवसर पर अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने जानकारी दी कि किसान ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल के माध्यम से इस मशीन के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों में खसरा-खतोनी, बी-1 की प्रति, आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में लगभग 65 पेड़ी ट्रांसप्लांटर मशीनें उपलब्ध हैं, जिनमें से सबसे अधिक पाटन विकासखंड में उपयोग की जा रही हैं।
सरकार का लक्ष्य – आधुनिक कृषि की ओर प्रोत्साहन: यह पहल किसानों को पारंपरिक तरीकों से आधुनिक कृषि तकनीकों की ओर ले जाने का प्रयास है, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और आय में वृद्धि हो सके। कृषि विभाग की ओर से इस तरह के नवाचारों को प्रोत्साहित करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।