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राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना: 50 लाख तक सब्सिडी, जानें पूरी डिटेल

राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के अंतर्गत संचालित उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एनएलएम-ईडीपी), भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग की एक ऋण-आधारित प्रमुख योजना है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी, अधिकतम 50 लाख रुपये तक प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों (FPO), स्वयं सहायता समूहों (SHG), संयुक्त उत्तरदायित्व समूहों, किसान सहकारी संगठनों (FCO) तथा धारा-8 कंपनियों को उपलब्ध कराई जाती है।

पशुपालन और चारा परियोजनाओं को मिल रहा व्यापक सहयोग:

एनएलएम-ईडीपी के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नलिखित परियोजनाओं की स्थापना और विस्तार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है ग्रामीण मुर्गीपालन फार्म, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा एवं गधा पालन इकाइयाँ, चारा मूल्यवर्धन इकाइयाँ, जैसे घास, साइलेज, संपूर्ण मिश्रित राशन, चारा ब्लॉक, चारा बीज प्रसंस्करण, ग्रेडिंग एवं भंडारण इकाइयाँ। परियोजना के प्रकार के अनुसार सब्सिडी की अधिकतम सीमा 3 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक निर्धारित की गई है।

विभिन्न परियोजनाओं के लिए सब्सिडी सीमा:

  1. मुर्गीपालन परियोजना: अधिकतम 25 लाख रुपये
  2. भेड़ एवं बकरी पालन: 10 लाख से 50 लाख रुपये तक
  3. सुअर पालन: 15 लाख से 30 लाख रुपये तक
  4. चारा एवं चारा बीज प्रसंस्करण परियोजनाएं: अधिकतम 50 लाख रुपये
  5. घोड़ा/ऊंट/गधा पालन: 3 लाख से 50 लाख रुपये तक

पिछले पांच वर्षों में 559.53 करोड़ रुपये का आवंटन:

पिछले पांच वर्षों के दौरान एनएलएम-ईडीपी के तहत कुल 559.53 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है। अब तक स्वीकृत और जारी सब्सिडी का श्रेणीवार विवरण इस प्रकार है—

  1. चारा और पशु आहार: 129 परियोजनाएं
  2. भेड़ एवं बकरी पालन (छोटे जुगाली करने वाले पशु): 3,169 परियोजनाएं
  3. सुअर पालन उद्यम: 338 परियोजनाएं
  4. ग्रामीण मुर्गीपालन: 207 परियोजनाएं

कुल मिलाकर 3,843 परियोजनाओं के लिए 1,233.69 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिसमें से 473.40 करोड़ रुपये अब तक जारी किए जा चुके हैं।

रोजगार सृजन में अहम भूमिका:

एनएलएम-ईडीपी के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 18,475 लोगों के लिए रोजगार सृजित होने की संभावना है। वर्तमान में राजस्थान के बारां जिले में इस योजना के अंतर्गत कोई परियोजना स्वीकृत नहीं है, जबकि झालावाड़ जिले में दो परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनसे 13 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। यह योजना न केवल उद्यमियों और कर्मचारियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करती है, बल्कि पशु चिकित्सा सेवाओं, पशु आहार आपूर्तिकर्ताओं, परिवहन, विपणन और बाजार सहायता के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार को भी बढ़ावा देती है।

ग्रामीण आजीविका और कौशल विकास को मजबूती:

एनएलएम-ईडीपी ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित है, जो अक्सर हाशिए पर रहने वाले समुदायों और भूमिहीन परिवारों से आते हैं। साथ ही, इस कार्यक्रम में क्षमता निर्माण, कौशल-आधारित प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक के हस्तांतरण पर विशेष जोर दिया गया है। प्रशिक्षण में प्रजनन, आहार प्रबंधन, पशु स्वास्थ्य, प्रसंस्करण और आधुनिक प्रबंधन पद्धतियां शामिल हैं, जिससे पशुपालकों को वैज्ञानिक और लाभकारी पालन तकनीकें अपनाने में सहायता मिलती है।

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