By khetivyapar
पोस्टेड: 22 Jul, 2025 12:00 AM IST Updated Fri, 25 Jul 2025 05:17 AM IST
उत्तर भारत में सावन का महीना आते ही धान की खेती की तैयारियां जोरों पर होती हैं। लेकिन केवल रोपाई करना ही काफी नहीं, बेहतर उत्पादन के लिए वैज्ञानिक सलाह और सही तकनीकों का पालन बेहद जरूरी है। कन्नौज के कृषि वैज्ञानिक डॉ. शुशील कुमार ने किसानों को धान की खेती से जुड़े पांच अहम सुझाव दिए हैं, जो इस सीजन में उपज को बढ़ा सकते हैं।
- सही समय पर करें रोपाई: धान की रोपाई का समय फसल की सफलता में अहम भूमिका निभाता है। आमतौर पर जून के अंत से लेकर जुलाई के तीसरे सप्ताह तक रोपाई की जाती है। इस वर्ष मानसून की स्थिति को देखते हुए किसानों को मौसम और मिट्टी में नमी के अनुसार रोपाई का समय तय करना चाहिए, ताकि फसल की वृद्धि प्रभावित न हो।
- नर्सरी की तैयारी रखें मजबूत: धान की रोपाई से पहले अच्छी नर्सरी तैयार करना जरूरी है। एक हेक्टेयर खेत के लिए 30–35 किलो बीज पर्याप्त होते हैं। बीजों को थायरम या कार्बेन्डाजिम जैसी फफूंदनाशी दवाओं से उपचारित करने से अंकुरण बेहतर होता है और पौध बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
- खेत की मिट्टी और नमी पर दें ध्यान: रोपाई से पहले खेत में हल्का पलेवा (पानी देकर जुताई) करें, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे। खेत समतल होना चाहिए और उसमें पर्याप्त नमी होनी चाहिए ताकि पौधे अच्छे से जड़ पकड़ सकें और पोषण ले सकें।
- पौध रोपने का वैज्ञानिक तरीका अपनाएं: 15–20 दिन पुरानी पौध को खेत में रोपना सबसे उपयुक्त समय माना जाता है। एक स्थान पर दो पौधे लगाएं और उनके बीच 20x15 सेंटीमीटर की दूरी रखें। इससे पौधों को पोषण, धूप और हवा मिलती है, जो रोगों से बचाव में सहायक होती है।
- फसल की देखरेख में लापरवाही न करें: रोपाई के तुरंत बाद खेत में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है। खेत में हल्का पानी बना रहना चाहिए। समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें ताकि खरपतवार न बढ़ें। कीट व रोग नियंत्रण के लिए संतुलित मात्रा में जैविक या रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें। देर से रोपाई करने पर पौध की वृद्धि रुक जाती है और उपज पर असर पड़ता है।
किसानों के लिए सलाह: यदि किसान रोपाई सही समय पर और वैज्ञानिक तरीके से करें, तो कम लागत में अधिक उत्पादन संभव है। खेत की नियमित देखरेख, तकनीकी सलाह और जल प्रबंधन जैसे छोटे-छोटे प्रयास भी फसल में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। खेती में जागरूकता ही किसान की सबसे बड़ी ताकत है।