• होम
  • अंतरिक्ष विज्ञान से खेती में क्रांति: किसानों को सटीक मौसम,...

अंतरिक्ष विज्ञान से खेती में क्रांति: किसानों को सटीक मौसम, फसल आकलन और पारदर्शी बीमा का लाभ

सटीक मौसम अपडेट से सुरक्षित खेती का लाभ
सटीक मौसम अपडेट से सुरक्षित खेती का लाभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित आईसीएआर पूसा परिसर में आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। कार्यक्रम का विषय था ‘कृषि परिवर्तन हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अनुसंधान एवं विकास’। 

कृषि उत्पादन में अंतरिक्ष विज्ञान का अप्रतिम योगदान:

श्री चौहान ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान ने भारतीय कृषि में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। देश में रिकॉर्ड स्तर पर हुई खाद्यान्न उत्पादन में इसका योगदान है। अंतरिक्ष अनुप्रयोग अब कृषि का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं—फसल आकलन, क्षेत्रफल अनुमान, मौसम जानकारी, गेहूं-धान-सरसों-गन्ना उत्पादन जैसी गतिविधियों में इसकी अहम भूमिका है।

किसानों को मौसम और फसल की सटीक जानकारी:

उन्होंने बताया कि पहले मौसम का अनुमान और मान्यताओं पर आधारित होता था, लेकिन अब इसरो के ‘जियो पोर्टल’ से वर्षा, सूखा और मौसम संबंधी लगभग सटीक जानकारी उपलब्ध हो रही है। किसान इन आंकड़ों के आधार पर फसल प्रबंधन कर रहे हैं। पोर्टल मिट्टी की नमी, फसल स्वास्थ्य और वास्तविक समय की जानकारी भी उपलब्ध कराता है।

रिमोट सेंसिंग तकनीक से बदलेगा फसल बीमा:

मंत्री ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पारदर्शिता की कमी रहती थी, लेकिन अब रिमोट सेंसिंग तकनीक से फसल हानि का सटीक आकलन संभव हो गया है। इससे वास्तविक प्रभावित किसानों को उपग्रह चित्रों के आधार पर मुआवजा सुनिश्चित किया जा सकता है।

विज्ञान और तकनीक से बढ़ेगी उत्पादकता:

श्री चौहान ने वैज्ञानिकों को “आधुनिक ऋषि” बताते हुए कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी से किसानों का जीवन बदला है, लेकिन अभी बहुत कार्य बाकी है। छोटे किसानों की जमीन के लिए उपयोगी समाधान, गन्ना व कपास में वायरस की समस्या और दलहन-तिलहन की उत्पादकता बढ़ाना हमारी बड़ी चुनौतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का उद्देश्य वैज्ञानिक उपलब्धियों को सीधे किसानों तक पहुँचाना है। अभियान में किसानों ने नकली उर्वरक और कीटनाशक पहचानने वाले उपकरण की भी मांग की है, जिस पर तुरंत काम करने की जरूरत है।

“वन नेशन – वन टीम – वन गोल” का आह्वान: श्री चौहान ने कहा कि लगभग 500 नए शोध विषय सामने आए हैं और इन पर सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि कृषि सर्वेक्षण, पशुपालन, बागवानी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और विभिन्न फसलों पर गहन शोध कर कृषि विकास का रोडमैप तैयार करें।

लेटेस्ट
khetivyapar.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण जानकारी WhatsApp चैनल से जुड़ें