राज्य सरकार ने किसानों और पशुपालकों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि इस साल किसानों को 17,000 करोड़ रुपये का फसल ऋण व पशुधन विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्य सरकार के मुताबिक, अब किसानों को फसल ऋण के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के प्रयासों से शुरू की गई तत्काल फसल ऋण योजना के तहत, किसान जिस दिन ऑनलाइन आवेदन करेंगे, उसी दिन ऋण स्वीकृत कर दिया जाएगा। यह सुविधा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्य सरकार ने हाल ही में धर्मपुरी से इस योजना का शुभारंभ किया। इसके बाद पूरे राज्य में इसे लागू किया जा रहा है। अब किसानों को ऋण पाने के लिए व्यक्तिगत रूप से पैक्स जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे ऑनलाइन या ई-सेवा केंद्रों के माध्यम से आवेदन कर उसी दिन ऋण राशि प्राप्त कर सकेंगे। योजना के तहत प्रत्येक किसान को अधिकतम 5 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा।
पिछले साल राज्य सरकार ने 17.37 लाख किसानों को 15,062 करोड़ रुपये का फसल ऋण और 4.43 लाख लाभार्थियों को 2,645 करोड़ रुपये का पशुधन विकास ऋण वितरित किया था।
किरायेदार किसानों को भी ऋण सुविधा देने की दिशा में आंध्र प्रदेश सरकार ने अहम कदम उठाया है। फसल कृषक अधिकार कार्ड (CCRC) कार्यक्रम के तहत बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पात्र किरायेदार किसानों को संस्थागत ऋण उपलब्ध कराएँ।
आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव (कृषि एवं सहकारिता) बी. राजशेखर ने कहा कि सरकार किसानों को ऋण और योजनाओं तक आसान पहुँच दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत किरायेदार किसान भी भूमि मालिकों के अधिकारों से समझौता किए बिना ऋण, बीमा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
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