किसानों को धान और हाइब्रिड धान में उर्वरकों के संतुलित उपयोग की सलाह दी गई है। कृषि उप संचालक श्री यू.पी. बागरी ने कहा कि सभी किसान सबसे पहले अपने खेत की मृदा जाँच अवश्य कराएँ। मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों और कमी की सटीक जानकारी मिलती है। साथ ही इसमें फसलवार खाद के संतुलित उपयोग की अनुशंसित मात्रा दर्ज होती है। उसी के अनुसार खाद का उपयोग करना किसानों के लिए लाभकारी रहेगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अत्यधिक मात्रा में खाद का प्रयोग न केवल किसानों पर आर्थिक बोझ डालता है बल्कि मिट्टी की सेहत और फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर डालता है।
प्रति हेक्टेयर 4 बैग (37 किलो) यूरिया और 1 बैग (37 किलो) डीएपी।
विकल्प: 4 बैग (37 किलो) यूरिया + 5 बैग सिंगल सुपर फास्फेट।
विकल्प: 4 बैग (45 किलो) यूरिया + 2 बैग (25 किलो) 12:32:16 खाद।
विकल्प: 4 बैग (43 किलो) यूरिया + 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट + 2 बैग 16:16:16 खाद।
ये भी पढ़ें- धान की यह किस्में देगी जबरदस्त पैदावार, जाने इनकी खासियत khetivyapar पर
22 किलो यूरिया + 2 बैग (39 किलो) डीएपी।
विकल्प: 5 बैग (36 किलो) यूरिया + 7 बैग (25 किलो) सिंगल सुपर फास्फेट।
विकल्प: 3 बैग (33 किलो) यूरिया + 3 बैग (38 किलो) 12:32:16 खाद।
विकल्प: 4 बैग (46 किलो) यूरिया + 3 बैग (20:20:0:13) + 3 बैग (38 किलो) सिंगल सुपर फास्फेट।
विकल्प: 5 बैग (29 किलो) यूरिया + 3 बैग 16:16:16 खाद + 3 बैग (25 किलो) सिंगल सुपर फास्फेट।
कृषि विभाग ने कहा है कि संतुलित खाद उपयोग से न केवल पैदावार बेहतर होगी बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहेगी।
ये भी पढ़ें- धान के अधिक ग्रोथ व ज्यादा पैदावार के लिए, करें यह काम