भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) प्लेटफॉर्म पर किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। 30 जून 2025 तक, देश की 1522 मंडियों को e-NAM से जोड़ा जा चुका है, जिससे किसानों को देशभर में डिजिटली बाजार की सुविधा मिल रही है।
e-NAM किसानों को बिचौलियों की भूमिका से मुक्त करके सीधे खरीदारों से जोड़ता है। इसके माध्यम से उन्हें निम्नलिखित सुविधाऐं मिलती हैं।
भारत सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि विपणन को डिजिटाइज़ करने के लिए कई योजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित कर रही है:
10,000 एफपीओ के गठन और संवर्धन की योजना: इस योजना के अंतर्गत किसानों को संगठित कर उन्हें सीधे विपणन और खरीदारों से बातचीत करने में सक्षम बनाया जा रहा है।
क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (CBBOs): ये संगठन एफपीओ को उद्योगों, प्रोसेसर्स और संस्थागत खरीदारों से जोड़ने का कार्य करते हैं, जिससे उन्हें बेहतर दाम और बाज़ार मिल सके।
खरीदार-विक्रेता बैठकें (Buyer Seller Meets): राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जहाँ एफपीओ और उद्योगों के बीच प्रत्यक्ष व्यापारिक अवसरों पर चर्चा होती है।
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग: एफपीओ को e-NAM, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC), और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अपने उत्पाद सूचीबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उद्योगों से एफपीओ की सीधी साझेदारी:
अब तक 9000+ एफपीओ ONDC और 216 एफपीओ GeM प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं। इन एफपीओ ने पीछे से इनपुट सप्लायर्स जैसे बेयर, सिंजेंटा, गोडरेज एग्रोवेट, नेशनल सीड्स कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान कीटनाशक लिमिटेड आदि से साझेदारी की है। वहीं आगे से आईटीसी, रिलायंस, बिग बास्केट, पतंजलि, मदर डेयरी, नेशनल कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) जैसे बड़े ब्रांड्स से संपर्क बनाकर सीधे बिक्री कर रहे हैं। अब तक 171 उद्योगों/व्यवसाय संगठनों ने SFAC के अंतर्गत 430 एफपीओ के साथ करार किए हैं, जिससे उन्हें कच्चा माल और कृषि उत्पाद की सप्लाई मिल रही है।