मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना अन्नदाता के उत्थान का पर्याय बन चुकी है। सरकार ने सिर्फ 15 दिनों में किसानों से किया वादा पूरा करते हुए सोयाबीन भावांतर योजना के तहत 1 लाख 33 हजार से अधिक किसानों के बैंक खातों में 233 करोड़ रुपये की राशि सीधे अंतरित की है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल सोयाबीन का भाव 4800 रुपये था, जबकि इस बार किसानों को 500 रुपये प्रति क्विंटल अधिक यानी 5300 रुपये से अधिक के भाव पर खरीद की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किसान हितैषी योजनाएँ प्रभावी ढंग से लागू की जा रही हैं। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने भावांतर योजना लागू की।
इस वर्ष 9 लाख से अधिक किसानों ने सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन कराया है।
देवास जिले में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 183.25 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया और विभिन्न योजनाओं के हितलाभ भी वितरित किए।
उन्होंने जैविक खेती के विस्तार और आधुनिक कृषि यंत्रों के प्रोत्साहन हेतु प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान 15 जनवरी तक मंडियों में सोयाबीन बेच सकते हैं।
राज्य में 220 से अधिक मुख्य मंडियों और 80 उप-मंडियों में खरीद जारी है।
पूरी प्रक्रिया ई-मंडी पोर्टल पर पारदर्शी रूप से संचालित हो रही है — जिसमें किसान का डेटा स्वतः प्रदर्शित, रियल-टाइम एंट्री, सीसीटीवी निगरानी, और सीधे खाते में भुगतान, जैसी सुविधाएँ लागू हैं। किसानों की सहायता के लिए भावांतर कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है।
5. नरवाई समाधान: कम्प्रेस्ड बायो-गैस प्लांट की शुरुआत:
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान और जवान, दोनों ही देश के गौरव हैं।
नरवाई की समस्या के समाधान के लिए राज्य में कम्प्रेस्ड बायो-गैस प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने पर 4,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा रहा है।
दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना में 40 लाख की डेयरी यूनिट पर 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है।
6. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: ‘लाड़ली बहना’ आवाज़ बदलाव की:
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की बहनों को मिली बढ़ी हुई राशि सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक है।
लाड़ली बहना योजना में राशि बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह कर दी गई है।
उन्होंने कहा— “जहाँ देवियों का वास, वही देवास।”
देवास की नोट प्रेस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक शक्ति को गति केवल नोट नहीं, बल्कि सोयाबीन, कपास और गेहूँ जैसे फसलों का उत्पादन भी देता है।
7. ‘श्रीअन्न’ पर किसानों को 1000 रुपये बोनस:
राज्य सरकार ने कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज खरीदने पर 1000 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का निर्णय लिया है। धान और गेहूँ किसानों को भी बोनस का लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हर 7 दिन में विभिन्न योजनाओं की राशि प्रदेशवासियों के खातों में अंतरित की जाएगी।
8. देवास भावांतर पंजीयन में प्रदेश में सबसे आगे:
कृषि मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जहाँ भावांतर योजना संचालित है। देवास जिले में इस योजना के लिए सबसे अधिक पंजीयन हुआ है।
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