केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित आईसीएआर, पूसा परिसर में 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में अभियान की प्रगति की समीक्षा और रबी सीजन के लिए आगामी कार्ययोजना को लेकर आयोजित की गई थी।
बैठक में देशभर से जुड़े 2,170 से अधिक नोडल अधिकारियों ने प्रत्यक्ष व वर्चुअल रूप से अपने फील्ड अनुभव, प्रमुख निष्कर्ष और आगे की रणनीति साझा की। श्री चौहान ने इस अभियान को स्वतंत्र भारत के कृषि इतिहास में एक ऐतिहासिक पहल करार दिया और इसे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की "लैब टू लैंड" दृष्टि से प्रेरित बताया, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिकों को 60,000 से अधिक गांवों से जोड़ा गया।
श्री चौहान ने कहा कि यह अभियान अब नवीन ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगा, जिसमें किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और भारत को वैश्विक खाद्य आपूर्ति केंद्र बनाने पर जोर होगा। उन्होंने जैव-संवर्धित फसलों, सतत खेती, मशीनीकरण, मृदा स्वास्थ्य, पशुपालन और तटीय कृषि जैसे क्षेत्रों में नवाचार और अनुसंधान के एकीकृत प्रयासों को प्राथमिकता देने की बात कही।
श्री चौहान ने दाल, तिलहन, सोयाबीन, कपास और गन्ना जैसी प्रमुख फसलों पर विशेष ध्यान देने के लिए 'क्रॉप वॉर' (Crop War) जैसी पहल का प्रस्ताव भी रखा। इसके तहत फसल व राज्य आधारित रणनीतियों को अपनाने, अनुसंधान की प्राथमिकता तय करने, नकली बीज और उर्वरकों पर कड़ी कार्रवाई, और अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु विशेष टीमों का गठन किया जाएगा।
कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) को किया जाएगा सशक्त: कृषि मंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्रों को मजबूत बनाने के लिए समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त करने और वैज्ञानिकों की फील्ड में अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने आगामी रबी सम्मेलन की घोषणा की जिसमें पहले दिन अधिकारियों और दूसरे दिन राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
विकसित भारत की दिशा में एक ठोस कदम: यह अभियान आईसीएआर, राज्य कृषि विभागों और कृषि विज्ञान केंद्रों के बीच समन्वय बढ़ाने, अनुसंधान एवं विस्तार कार्यों को क्षेत्रीय जरूरतों से जोड़ने और कृषि क्षेत्र को विकसित भारत की परिकल्पना से जोड़ने के लिए संचालित किया गया है।