केंद्र सरकार किसानों को नकली बीजों और कीटनाशकों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए कीटनाशक अधिनियम और बीज अधिनियम में संशोधन की योजना बना रही है। केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोयंबटूर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानूनों में दोषियों के खिलाफ केवल जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जो काफी कमजोर है। सरकार अब ऐसे कड़े कानून लाएगी, जिनमें दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कोयंबटूर में कपास उत्पादकता बढ़ाने को लेकर विभिन्न हितधारकों के साथ एक दिवसीय मंथन सत्र में भाग लिया। इस बैठक में कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के सचिव मांगीलाल जाट, आईसीएआर के महानिदेशक, दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, बीज उद्योग, जिनिंग इकाइयों, कृषि उपकरण निर्माताओं, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति और किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस अवसर पर श्री चौहान ने कहा कि भारत को 2030 तक कपास निर्यातक देश बनाने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भारत में हाई डेंसिटी कपास खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के माध्यम से अनुसंधान को तेज किया जाएगा ताकि प्रति हेक्टेयर कपास उत्पादन को वैश्विक औसत के स्तर तक लाया जा सके। वर्तमान में भारत में कपास की औसत उत्पादकता 447 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। श्री चौहान ने कहा कि कृषि मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, ICAR और निजी क्षेत्र एक साथ मिलकर मांग आधारित अनुसंधान करेंगे, जिससे कॉटन मिशन को सफल बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि ICAR अब छोटे किसानों के लिए अनुकूल यंत्रों और जलवायु-संवेदनशील बीजों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, दक्षिणी राज्यों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक मशीन परीक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा।
किसानों को उचित मूल्य, जिनिंग इकाइयों का आधुनिकीकरण: कॉटन मिशन के अंतर्गत किसानों की क्षमता निर्माण, जिनिंग इकाइयों का आधुनिकीकरण, और कपास उत्पादों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने जैसे लक्ष्य तय किए गए हैं।
सभी राज्यों से सहयोग की उम्मीद: जब इस कार्यक्रम में राज्य के कृषि मंत्री की अनुपस्थिति के बारे में सवाल पूछा गया तो श्री चौहान ने कहा कि उन्हें आमंत्रित किया गया था और यह कार्यक्रम राजनीति से ऊपर, किसानों के कल्याण के लिए है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि सभी राज्य मिलकर किसानों की समस्याओं का समाधान करें।
ये भी पढें- कपास की उगाई से लेकर कटाई तक, khetivyapar पर जानें पूरी जानकारी