केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 सितम्बर को नई दिल्ली में देशभर की कृषि स्थिति की समीक्षा बैठक की। इस उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने विभिन्न राज्यों में हुई वर्षा की स्थिति का आकलन किया और पंजाब के कुछ हिस्सों में आई बाढ़ तथा उससे प्रभावित फसलों पर विस्तृत चर्चा की।
बैठक में श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि बाढ़ प्रभावित पंजाब के किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है। मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वे जल्द ही पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे, वहां की स्थिति का जायजा लेंगे और किसानों से सीधे मिलकर हरसंभव मदद सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने देशभर की कृषि स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ बुवाई का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। इसके अलावा, खाद्यान्न फसलों के साथ-साथ बागवानी क्षेत्र की स्थिति पर भी चर्चा की गई। मंत्री ने विशेष रूप से आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन एवं मूल्य की जानकारी ली।
बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि कई राज्यों में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा हुई है, जिससे जलाशयों की स्थिति सुधरी है और फसलों को लाभ मिलेगा।
एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर: श्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ बागवानी और एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य की मांग को देखते हुए कृषि क्षेत्र में समग्र विकास जरूरी है, जिसमें खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ वैकल्पिक खेती भी शामिल हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए "इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम" को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए।