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PMKSY: किसानों को बड़ी सौगात – ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई पर मिलेगा 80% तक अनुदान

ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई
ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत बिहार सरकार सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को बड़ा लाभ दे रही है। अब ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को कुल लागत पर 80% तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य किसानों को 70% तक सहायता दी जाएगी। यह योजना “प्रति बूंद अधिक फसल” के लक्ष्य के साथ जल संरक्षण, लागत में कमी और उत्पादन वृद्धि को सुनिश्चित करेगी।

जल बचत से अधिक उत्पादन की ओर कदम Step towards more production by saving water:

उपमुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार ने योजना के तहत ₹14066.66 लाख की राशि मंजूर की है, जिससे अधिक-से-अधिक किसानों को योजना से जोड़ा जा सके। योजना का उद्देश्य खेती में जल की बर्बादी रोकना, सिंचाई की लागत घटाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है।

छोटे किसानों के लिए बड़ी मदद Big help for small farmers:

ड्रिप सिंचाई प्रणाली के लिए जहां लघु एवं सीमांत किसानों को 80% तक अनुदान मिलेगा, वहीं पोर्टेबल स्प्रिंकलर प्रणाली अपनाने वालों को 55% तक अनुदान दिया जाएगा। अन्य किसानों को क्रमशः 70% और 45% तक की सहायता मिलेगी। यह सहायता छोटे और मध्यम किसानों को आधुनिक सिंचाई तकनीक से जोड़ने की दिशा में अहम कदम है।

जल स्रोत निर्माण पर भी अनुदान Grant on construction of water source:

योजना के तहत किसान अपने खेत के पास व्यक्तिगत नलकूप या समरसेबल पंप लगाने पर अधिकतम ₹40,000 तक अनुदान पा सकते हैं। वहीं ड्रिप प्रणाली अपनाने वाले किसानों को तालाब या कुआं निर्माण हेतु कुल लागत का 50% (अधिकतम ₹75,000 तक) का सहयोग दिया जाएगा। यह स्थायी जल स्रोतों के विकास में मददगार सिद्ध होगा।

प्रशिक्षण और जागरूकता से होगा स्थायी प्रभाव:

योजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु किसानों को विशेष प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। सरकार का दावा है कि इन तकनीकों से 60% तक जल की बचत और 25–35% तक उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है। यह प्रशिक्षण ग्रामीण कृषि क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा।

सिंचाई नहीं, यह है एक समग्र कृषि सुधार मिशन: उपमुख्यमंत्री ने कहा, "यह योजना केवल सिंचाई सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि जल प्रबंधन, लागत में कमी और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार का ठोस प्रयास है। हम चाहते हैं कि बिहार के अधिकतम किसान इस योजना से जुड़ें और आधुनिक, टिकाऊ व पर्यावरण के अनुकूल खेती अपनाएं।

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