किसान खुश: नई जीएसटी योजना से बढ़ेगी आमदनी
By khetivyapar
पोस्टेड: 10 Sep, 2025 12:00 AM IST Updated Wed, 10 Sep 2025 10:56 AM IST
देश में कृषि और डेयरी क्षेत्रों में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाली नई जीएसटी दरों की घोषणा के बाद किसानों, पशुपालकों और कृषि श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। इन सुधारों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की दूरदर्शिता का परिणाम मानते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे एक "क्रांतिकारी फैसला" बताया है।
छोटे और मध्यम किसानों को होगा सीधा लाभ:
- कृषि यंत्रों और सौर ऊर्जा उपकरणों पर जीएसटी में कमी से खेती की लागत घटेगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
- जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी दर में कमी किसानों को रासायनिक से जैविक कृषि की ओर प्रोत्साहित करेगी।
- डेयरी सेक्टर में दूध और पनीर पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा, जिससे किसानों, दुग्ध उत्पादकों और आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा।
समेकित कृषि को मिलेगा प्रोत्साहन:
- पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, कृषि वानिकी और कुक्कुट पालन जैसे क्षेत्रों को अब जीएसटी राहत का लाभ मिलेगा।
- तेंदूपत्तों पर जीएसटी में कटौती से आदिवासी समुदायों की आजीविका को मजबूती मिलेगी।
- वाणिज्यिक माल वाहनों पर कर दर में कमी से कृषि उत्पादों का परिवहन सस्ता होगा।
कीमतें घटीं, मुनाफा बढ़ा:
- ट्रैक्टर की कीमतों में कमी
- ट्रैक्टर पार्ट्स और कृषि उपकरण सस्ते
- सौर ऊर्जा सिंचाई उपकरण सस्ते
- उर्वरक और कीटनाशक पर कम जीएसटी
- फल, सब्ज़ियाँ, मेवे अब सस्ते
- डेयरी उत्पादों पर जीएसटी शून्य
- खाद्य प्रसंस्करण को मिलेगा बढ़ावा
- तेंदूपत्ता, प्राकृतिक शहद, तैयार मछली पर दरों में राहत
- स्थानीय उत्पादों को मिलेगा संरक्षण
- विभिन्न कृषि यंत्रों पर जीएसटी में कटौती का विस्तृत प्रभाव
कृषि यंत्रीकरण:
यंत्र का नाम |
पहले की GST दर |
नई GST दर |
अनुमानित बचत
|
ट्रैक्टर (1800 cc) |
12% |
5% |
₹41,000 से ₹63,000 तक |
पावर टिलर |
12% |
5% |
₹11,875 तक
|
थ्रेशर/हार्वेस्टर |
12% |
5% |
₹14,000 से ₹1,87,500 तक |
पावर वीडर |
12% |
5% |
₹5,495 तक |
सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल |
12% |
5% |
₹3,220 - ₹4,375 |
स्ट्रॉ रीपर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर |
12% |
5% |
₹10,000 - ₹21,875
|
स्प्रेयर, न्यूमैटिक प्लांटर, मल्चर आदि |
12% |
5% |
₹9,375 - ₹32,812 तक |
इन कटौतियों से मशीनों की खरीद अब छोटे और मध्यम किसानों के लिए सुलभ होगी, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी और समय व श्रम की बचत होगी।
उर्वरकों पर कर कटौती:
अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड जैसे रसायनों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे उर्वरक निर्माण की लागत में कमी आएगी और उत्पादन लागत घटेगी, जिससे किसान सस्ते में खाद प्राप्त कर सकेंगे।
कृषि के हर क्षेत्र को संबल देने वाला जीएसटी सुधार:
जैविक कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर कर कटौती:
- 12 प्रमुख जैविक कीटनाशकों और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- इससे जैव-आधारित इनपुट सस्ते होंगे, जो पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देंगे।
- किसान अब रासायनिक कीटनाशकों से जैविक विकल्पों की ओर बढ़ सकेंगे, जिससे मिट्टी की सेहत और फसल की गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
- नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत छोटे जैविक किसान और एफपीओ (FPOs) को सीधा लाभ मिलेगा।
फल, सब्ज़ियाँ और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा:
- प्रक्रिया/संग्रहीत फल, सब्ज़ियाँ और मेवे पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- इससे कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन को बढ़ावा मिलेगा।
- नाशवान उत्पादों की बर्बादी घटेगी, जिससे किसानों को बेहतर कीमतें मिलेंगी।
- भारत से प्रोसेस्ड फूड के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश कृषि निर्यात हब के रूप में और मजबूत होगा।
डेयरी क्षेत्र को राहत:
- दूध और पनीर पर अब जीएसटी शून्य (0%) हो गया है।
- मक्खन, घी आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
- डेयरी किसानों के उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
- दूध के लोहे, स्टील या एल्यूमीनियम के डिब्बों पर जीएसटी अब केवल 5% है।
- इससे स्वदेशी डेयरी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
सौर ऊर्जा आधारित उपकरणों को बढ़ावा:
- सौर चालित सिंचाई उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
- इससे सिंचाई के खर्च में कमी आएगी और किसान ऊर्जा स्वतंत्र बन सकेंगे।
तेंदूपत्ता: आदिवासी आजीविका को संबल:
- तेंदूपत्तों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
- यह ओडिशा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के आदिवासी और वनोपज संग्रह करने वाले किसानों के लिए आजीविका को मजबूत करेगा।
कुल मिलाकर – यह जीएसटी सुधार, किसान हितैषी और ग्रामीण भारत समर्थक है
- यह सुधार न सिर्फ कृषि लागत को कम करता है, बल्कि एफपीओ, सहकारिता संगठनों, और प्राकृतिक खेती को भी मज़बूत करता है।
- उर्वरकों की कम कीमतों से उत्पादकता बढ़ेगी, और कोल्ड स्टोरेज व खाद्य प्रसंस्करण को गति मिलेगी।
- कृषि यंत्रीकरण सुलभ होगा, जिससे श्रम पर निर्भरता घटेगी और समय की बचत होगी।
- मत्स्य पालन, डेयरी और सहकारी संस्थाएं अब अधिक लाभदायक होंगी।
आत्मनिर्भर भारत की ओर सशक्त कदम: इस बहुआयामी जीएसटी सुधार से भारत की घरेलू खाद्य उत्पादन प्रणाली आयातित खाद्य उत्पादों के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगी। यह आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।