मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने कृषक कल्याण और महिला-बाल विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी है। इन फैसलों से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में पोषण सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी। आइए जानते हैं प्रमुख घोषणाएं:
मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की खरीदी के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति प्रदान की गई है। साथ ही, रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूंग की भी स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2024-25 (विपणन वर्ष 2025-26) में मूंग एवं उड़द की खरीदी पंजीकृत कृषकों से की जाएगी, जिसे राज्य की अधिकृत उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा संपादित किया जाएगा।
किसानों को सिंचाई जलकर ब्याज माफी की सौगात Farmers get the gift of irrigation water tax interest waiver:
प्रदेश के समस्त किसानों की सिंचाई जलकर की ब्याज राशि माफ करने का निर्णय लिया है। यदि किसान 31 मार्च 2025 तक की कुल बकाया राशि को 31 मार्च 2026 तक एकमुश्त जमा कर देते हैं, तो उनपर बकाया रूपये 84.17 करोड़ की ब्याज राशि पूरी तरह माफ कर दी जायेगी। वर्तमान में सिंचाई जलकर के रूप में कुल बकाया रू. 647.67 करोड़ है, जिसमें मूल राशि रू. 563.29 करोड़ एवं ब्याज राशि रू. 84.17 करोड़ है।
66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए ₹15.21 करोड़ स्वीकृत:
सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, संचालन और भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक अनुमानित कुल व्यय ₹15.21 करोड़ होगा, जिसमें से ₹9.55 करोड़ केन्द्रांश एवं ₹5.66 करोड़ राज्यांश शामिल हैं। व्यय भारत सरकार द्वारा निर्धारित स्वीकृति के अनुरूप किया जाएगा। राज्य सरकार के ये निर्णय किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा, खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एवं बाल स्वास्थ्य की दिशा में सशक्त कदम हैं। आने वाले समय में इन योजनाओं का स्थायी और व्यापक असर दिखाई देगा।
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