किसान भाइयों, अगर आप अरहर दाल (तूर दाल) बेचने की योजना बना रहे हैं, तो अभी रुकिए और यह रिपोर्ट ध्यान से पढ़िए। उत्तर प्रदेश की प्रमुख मंडियों में इस हफ्ते अरहर के टुडे मंडी भाव में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
नानपारा मंडी में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई, जहाँ भाव ₹9800 से घटकर ₹8600 प्रति क्विंटल रह गया यानी ₹1200 की सीधी गिरावट, यह स्थिति इस ओर इशारा करती है कि फिलहाल बाजार दबाव में है और अगर जल्दबाजी में बिक्री की गई, तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ऐसे में किसानों और व्यापारियों के लिए यह समय है सही रणनीति अपनाने का।
नीचे पढ़िए मंडीवार तुलना और समझिए – कहाँ गिरा कितना भाव और कैसे बनाई जाए समझदारी भरी बिक्री योजना, ताकि आपकी फसल ना हो घाटे का सौदा!
मंडी का नाम | किस्म | 21 जून (₹/क्विंटल) | 27 जून (₹/क्विंटल) | अरहर दाल के भाव में गिरावट (₹) |
नानपारा | अरहर दाल तूर | ₹ 9,800 | ₹ 8,600 | ₹1200 ↓ |
लखनऊ | अरहर दाल तूर | ₹ 11,050 | ₹ 10,500 | ₹550 ↓ |
भर्थना | अरहर दाल तूर | ₹ 10,450 | ₹ 9,750 | ₹700 ↓ |
इटावा | अरहर दाल तूर | ₹ 10,400 | ₹ 9,700 | ₹700 ↓ |
अमरोहा | अरहर दाल तूर | ₹ 11,100 | ₹ 10,800 | ₹300 ↓ |
गाज़ियाबाद | अरहर दाल तूर | ₹ 10,900 | ₹ 10,800 | ₹100 ↓ |
प्रयागराज (प्रतापगढ़) | अरहर दाल तूर | ₹ 10,925 | ₹ 10,780 | ₹145 ↓ |
सुल्तानपुर | अरहर दाल तूर | ₹ 10,500 | ₹ 10,300 | ₹200 ↓ |
सीतापुर | अरहर दाल तूर | ₹ 10,125 | ₹ 10,000 | ₹125 ↓ |
रायबरेली | अरहर दाल तूर | ₹ 10,125 | ₹ 10,000 | ₹125 ↓ |
मेरठ | अरहर दाल तूर | ₹ 10,510 | ₹ 10,490 | ₹20 ↓ |
फिरोजाबाद | अरहर दाल तूर | ₹ 9,700 | ₹ 9,620 | ₹80 ↓ |
बहराइच | अरहर दाल तूर | ₹ 10,200 | ₹ 10,150 | ₹50 ↓ |
कहां कितना टूटा भाव?
इस हफ्ते उत्तर प्रदेश की अधिकांश मंडियों में अरहर दाल के भाव में गिरावट का रुख देखने को मिला। सबसे बड़ी गिरावट नानपारा मंडी में दर्ज की गई, जहां भाव ₹9800 से घटकर ₹8600 प्रति क्विंटल रह गया यानी ₹1200 की सीधी गिरावट। इसी तरह इटावा और भर्थना में भी ₹700 तक की गिरावट देखी गई। लखनऊ जैसी प्रमुख मंडी में भी दाम ₹11050 से घटकर ₹10500 रह गए, जिससे किसानों को ₹550 प्रति क्विंटल का घाटा हुआ। अमरोहा और सुल्तानपुर जैसी मंडियों में ₹200 से ₹300 की गिरावट रही। वहीं मेरठ, फिरोजाबाद और बहराइच में दामों में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन इनमें बड़ी गिरावट नहीं रही। कुल मिलाकर यह सप्ताह किसानों के लिए घाटे वाला साबित हुआ, और अगले हफ्ते की उम्मीदें अब खरीफ सीजन की गतिविधियों और डिमांड पर टिकी रहेंगी।
किसानों के लिए सलाह:
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