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खेती में नई क्रांति: एग्रीटेक, नवाचार और पोषण सुरक्षा से मजबूत होगी भारत की खेती

एग्रीटेक तकनीक से फसल उत्पादन में हो रहा है सुधार
एग्रीटेक तकनीक से फसल उत्पादन में हो रहा है सुधार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “आज भारतीय कृषि जिन ऊंचाइयों को छू रही है, उसे देखकर डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन जहां भी होंगे, गर्व महसूस कर रहे होंगे। उन्होंने बताया कि बीते वर्षों की नीतियाँ केवल सहायता तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि किसानों में विश्वास पैदा करने की दिशा में काम हुआ है। उन्होंने बताया कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से छोटे किसानों को सीधी आर्थिक मदद मिली है, पीएम फसल बीमा योजना ने कृषि जोखिमों से सुरक्षा दी है, और पीएम कृषि सिंचाई योजना ने सिंचाई की चुनौती को हल किया है।

अब गांवों में खेती बनेगी किसानों की ताकत:

उन्होंने बताया कि 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए गए हैं, जिससे छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को बल मिला है। सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक मदद देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति दी गई है। ई-नाम प्लेटफॉर्म ने किसानों के लिए फसल बेचने को आसान बनाया है और पीएम किसान संपदा योजना से फूड प्रोसेसिंग और भंडारण ढांचे को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल ही में शुरू की गई पीएम धन-धान्य योजना के माध्यम से 100 पिछड़े कृषि जिलों को ऊपर उठाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में सुविधाएं और वित्तीय सहायता देकर खेती में नया आत्मविश्वास भरा जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा का आधार बनेंगी पोषक और प्राकृतिक फसलें:

उन्होंने यह भी कहा कि 21वीं सदी का भारत विकसित राष्ट्र बनने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने डॉ. स्वामीनाथन से प्रेरणा लेते हुए कहा कि अब वैज्ञानिकों को पोषण सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इसके लिए बायो-फोर्टीफाइड फसलों को बढ़ावा देने और प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता देने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु अनुकूल फसलों की अधिक किस्में विकसित करनी होंगी। उन्होंने सूखा-प्रतिरोधी, अधिक गर्मी सहने वाली और बाढ़-रोधी फसलों पर अनुसंधान बढ़ाने, मृदा जांच के सस्ते उपकरण बनाने और पोषक तत्व प्रबंधन तकनीकों को बेहतर करने की आवश्यकता जताई।

कृषि में एआई और स्टार्टअप्स से आएगा नया बदलाव:

प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा चालित सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने और AI, मशीन लर्निंग व सैटेलाइट डेटा के उपयोग से खेती में निर्णय लेने की तकनीक विकसित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एग्रीटेक स्टार्टअप्स को विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलना चाहिए जिससे नवाचार और अधिक प्रभावी बन सकें। साथ ही किसानों के पारंपरिक ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि इसे आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर एक समग्र ज्ञान तंत्र तैयार किया जा सकता है। उन्होंने फसल विविधिकरण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताते हुए किसानों को इसके लाभ और इसके अभाव से होने वाली हानि के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।

खेतों तक पहुंची तकनीक, जुड़े 1.25 करोड़ किसान:

प्रधानमंत्री ने बताया कि 11 अगस्त 2024 को PUSA संस्थान में उन्होंने ‘लैब से खेत तक’ तकनीक पहुंचाने का आह्वान किया था। मई-जून 2025 में आयोजित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत 700 से अधिक जिलों में 2,200 वैज्ञानिकों की टीम ने 60,000 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 1.25 करोड़ किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक पहल बताया।

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