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डीएपी-यूरिया का करें सीमित प्रयोग, एनपीके और एसएसपी से मिट्टी की सेहत और उपज में होगी बढोतरी

डीएपी-यूरिया
डीएपी-यूरिया

मध्यप्रदेश में सोयाबीन प्रमुख फसल के रूप में बोई जाती है। वर्तमान में रासायनिक उर्वरकों के लगातार बढ़ते दामों को देखते हुए, अधिक उपज के लिए उर्वरकों का संतुलित एवं आवश्यकतानुसार प्रयोग आवश्यक हो गया है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में इस खरीफ सीजन के लिए सोयाबीन का 23,577 क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध है। साथ ही उर्वरकों के भंडार में 22,816 मीट्रिक टन यूरिया, 5,137 मीट्रिक टन डीएपी, 12,673 मीट्रिक टन एसएसपी एवं 3,831 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध हैं।

थोक और निजी विक्रेताओं के पास भी पर्याप्त स्टॉक Ample Stock with Wholesalers and Private Dealers:

थोक उर्वरक विक्रेताओं के पास 10,439 मीट्रिक टन यूरिया, 1,007 मीट्रिक टन डीएपी और 1,146 मीट्रिक टन एनपीके का स्टॉक मौजूद है। वहीं, निजी विक्रेताओं के पास 7,635 मीट्रिक टन यूरिया, 1,326 मीट्रिक टन डीएपी और 1,558 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।

डीएपी-यूरिया के अधिक उपयोग से हो सकती है पोषक तत्वों की कमी:

श्री पांडे ने बताया कि डीएपी और यूरिया केवल नाइट्रोजन और फास्फोरस प्रदान करते हैं, जबकि लगातार इनका अत्यधिक उपयोग मिट्टी में पोटाश और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकता है। पोटाश पौधों के स्वास्थ्य, गुणवत्ता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे फसल बेहतर होती है और दानों में चमक आती है, जिससे बाजार में अच्छा दाम मिलता है।

एनपीके और एसएसपी से बढ़ेगी उपज और मिट्टी की उर्वरता: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, कॉम्प्लेक्स उर्वरक जैसे एनपीके में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तीनों तत्व मिलते हैं। वहीं एसएसपी में फास्फोरस के साथ सल्फर और कैल्शियम भी होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता और फसल की मजबूती के लिए आवश्यक हैं।

किसानों के लिए डीएपी के विकल्प पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध: किसानों को सलाह दी गई है कि वे डीएपी और यूरिया का प्रयोग केवल आवश्यकतानुसार करें और समिति अथवा निजी विक्रेताओं से प्रमाणित उर्वरक ही लें। डीएपी के विकल्प के रूप में जिले में निम्नलिखित उर्वरक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं:

  • एनपीके (12:32:16) – 591 मीट्रिक टन
  • एनपीके (16:16:16) – 566 मीट्रिक टन
  • एनपीके (24:24:0) – 43.75 मीट्रिक टन
  • एनपीके (20:20:0) – 160 मीट्रिक टन
  • एनपीके एस (20:20:0:13) – 3430 मीट्रिक टन

कृषि विभाग की अपील: कृषि विभाग ने सभी किसानों से अपील की है कि वे वैज्ञानिक सलाह के अनुसार उर्वरकों का चयन करें और डीएपी के स्थान पर उपलब्ध अन्य संतुलित उर्वरकों का उपयोग करें, जिससे उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहे।

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