कृषि क्षेत्र को मजबूत आधार देने की दिशा में मध्यप्रदेश देशभर में अग्रणी बन गया है। राज्य में अब तक 9272 करोड़ रुपये की राशि कृषि अवसंरचना परियोजनाओं के लिए स्वीकृत की गई है, जिसमें अकेले इंदौर संभाग को 1245 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। इससे म.प्र. ने कृषि अवसंरचना निधि (AIF) योजना में देश में प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है।
इंदौर में आयोजित एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य और प्रसंस्करण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी साझा की गई। जाल सभा गृह में हुई इस कार्यशाला में संभाग के 8 जिलों के अधिकारी, किसान, व्यापारी, उद्यमी, बैंकर्स और मंडी बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मुख्य अतिथि संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने AIF योजना की सराहना करते हुए कहा कि इंदौर संभाग में कृषि के साथ-साथ उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य और प्रसंस्करण में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को दिसंबर 2025 तक तय लक्ष्यों की पूर्ति और मार्च 2026 तक अतिरिक्त लक्ष्यों के लिए तत्परता के निर्देश दिए।
AIF योजना के तहत हितग्राहियों को रुपये 2 करोड़ तक के ऋण पर 3% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, राइपनिंग चेंबर, दाल और आटा मिल, कस्टम हायरिंग सेंटर, मसाला और बांस प्रसंस्करण इकाइयों के लिए ऋण सहायता उपलब्ध है।
कार्यशाला में तकनीकी प्रशिक्षण और संवाद: कार्यशाला में उप संचालक AIF डॉ. पूजा सिंह ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना की बारीकियों को साझा किया। तकनीकी प्रशिक्षण कृषि नोडल श्री गोविंद प्रसाद शर्मा द्वारा दिया गया। मंडी बोर्ड भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों से संवाद कर योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
1895 आवेदन, 1245 करोड़ की स्वीकृति: अब तक इंदौर संभाग से 1895 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर 1245 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। वहीं, प्रदेश स्तर पर 14,503 आवेदनों पर 9272 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।
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