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बारिश के बाद मंडियों में मचा हड़कंप – टमाटर, प्याज, आलू और लहसुन के दामों में जबरदस्त उछाल

सब्जियों के दामों में लगी आग
सब्जियों के दामों में लगी आग

किसान भाइयों और खुदरा बाजार से जुड़े पाठकों के लिए बड़ी खबर! जून की शुरुआत के साथ आई अच्छी बारिश ने मंडियों का पूरा मिजाज बदल दिया है। टमाटर से लेकर लहसुन तक की फसलें अब नई कीमतों पर बिक रही हैं। एक तरफ जहाँ टमाटर और आलू के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं प्याज और लहसुन में भी तेज़ उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की कई प्रमुख मंडियों में टमाटर की कीमतें मई की तुलना में लगभग दोगुनी हो चुकी हैं। वहीं इंदौर जैसे इलाकों में आलू ₹1700 के पार पहुंच गया है।
अगर आप किसान हैं, व्यापारी हैं, या सब्ज़ी खरीदने वाले आम उपभोक्ता – यह रिपोर्ट आपको बताएगी कि कहाँ क्या रेट चल रहा है, और क्यों बढ़ रहे हैं दाम। साथ ही हर जिले के लिए विस्तृत तुलनात्मक आंकड़े आपको यह निर्णय लेने में मदद करेंगे कि कब और कहाँ बेचना या खरीदना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

नीचे पढ़िए मंडी-दर-मंडी पूरे भारत में बारिश के बाद सब्ज़ियों के बदलते भावों की पूरी रिपोर्ट।

मई से जून तक टमाटर भाव में कितना उतार-चढ़ाव आया? मंडीवार तुलना:

राज्य जिला मई आवक (टन) जून आवक (टन) मई अधिकतम भाव जून अधिकतम भाव
उत्तर प्रदेश कानपुर 1818 1261 ₹ 1,166 ₹ 1,669
उत्तर प्रदेश लखनऊ 2223 994 ₹ 931 ₹ 1,923
उत्तर प्रदेश वाराणसी 1749 1253 ₹ 869 ₹ 1,986
उत्तर प्रदेश मेरठ 907 684 ₹ 921 ₹ 1,715
मध्य प्रदेश भोपाल 409 1230 ₹ 1,230 ₹ 1,854
मध्य प्रदेश इंदौर 615 764 ₹ 1,496 ₹ 1,921
मध्य प्रदेश जबलपुर 196 580 ₹ 1,195 ₹ 1,152
मध्य प्रदेश ग्वालियर 274 195 ₹ 739 ₹ 1,456

लखनऊ से वाराणसी तक भावों में उछाल:

मई से जून 2025 के बीच टमाटर की कीमतों और आवक में बड़ा बदलाव देखने को मिला। उत्तर प्रदेश की मंडियों – लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और मेरठ में टमाटर की आवक घट गई, जैसे लखनऊ में 2223 से घटकर 994 टन और वाराणसी में 1749 से 1253 टन रह गई। इसके चलते इन मंडियों में भाव तेजी से बढ़े, जैसे वाराणसी में ₹869 से ₹1,986 और लखनऊ में ₹931 से ₹1,923 प्रति क्विंटल पहुंच गया। वहीं मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और जबलपुर में आवक बढ़ी, खासकर भोपाल में 409 से 1230 टन, लेकिन इसके बावजूद भाव चढ़े। भोपाल में ₹1,230 से ₹1,854 और इंदौर में ₹1,496 से ₹1,921 हो गया। केवल जबलपुर में भाव थोड़ा घटा। कुल मिलाकर, जून में टमाटर की मांग तेज रही और कई मंडियों में भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे।

प्याज के दामों में कितना बदलाव आया मई से जून तक? जानिए मंडीवार तुलना:

राज्य जिला मई आवक (टन) जून आवक (टन) मई अधिकतम भाव जून अधिकतम भाव
उत्तर प्रदेश लखनऊ 6100 6310 ₹ 1,302 ₹ 1,265
उत्तर प्रदेश कानपुर 41680 33360 ₹ 1,315 ₹ 1,266
उत्तर प्रदेश वाराणसी 5043 5299 ₹ 1,257 ₹ 1,199
उत्तर प्रदेश मेरठ 3234 2194 ₹ 1,321 ₹ 1,290
मध्य प्रदेश भोपाल 1539 862 ₹ 1,175 ₹ 1,385
मध्य प्रदेश इंदौर 57147 42575 ₹ 1,094 ₹ 1,593

इंदौर बना सबसे बड़ी मंडी:

मई से जून 2025 के बीच प्याज के बाजार में मिला-जुला असर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश की लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और मेरठ जैसी मंडियों में प्याज की आवक में कहीं हल्की बढ़त तो कहीं गिरावट आई, लेकिन भाव ज्यादातर जगहों पर थोड़ा कम हो गया। जैसे लखनऊ में जून में आवक बढ़कर 6310 टन पहुंची, लेकिन भाव ₹1,302 से घटकर ₹1,265 हो गया। कानपुर में आवक घटकर 41680 से 33360 टन रह गई और भाव भी ₹1,315 से गिरकर ₹1,266 रह गया। वाराणसी में भी ₹1,257 से ₹1,199 और मेरठ में ₹1,321 से ₹1,290 प्रति क्विंटल तक दामों में हल्की नरमी दिखी। वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश की भोपाल और इंदौर मंडियों में तस्वीर बिल्कुल अलग रही। यहां प्याज की आवक घटने के बावजूद भाव में जबरदस्त उछाल आया। भोपाल में भाव ₹1,175 से बढ़कर ₹1,385 हो गया, जबकि इंदौर में ₹1,094 से सीधा ₹1,593 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। यानी यूपी में प्याज के दाम थोड़े थमे, लेकिन एमपी में सप्लाई कम होते ही बाजार गर्म हो गया।

मई से जून 2025 तक आलू के दामों में कितना फर्क पड़ा? जानिए पूरी रिपोर्ट:

राज्य जिला मई आवक (टन) जून आवक (टन) मई अधिकतम भाव जून अधिकतम भाव
उत्तर प्रदेश लखनऊ 15210 14940 ₹ 1,274 ₹ 1,303
उत्तर प्रदेश कानपुर 90950 62850 ₹ 1,222 ₹ 1,289
उत्तर प्रदेश वाराणसी 17295 16769 ₹ 1,216 ₹ 1,261
उत्तर प्रदेश मेरठ 2551 1493 ₹ 1,234 ₹ 1,297
मध्य प्रदेश भोपाल 2402 2456 ₹ 1,142 ₹ 1,195
मध्य प्रदेश इंदौर 2911 11075 ₹ 1,447 ₹ 1,733
मध्य प्रदेश जबलपुर 959 1087 ₹ 1,562 ₹ 1,550
मध्य प्रदेश ग्वालियर 510 332 ₹ 1,728 ₹ 1,633

अधिक आवक यूपी में, बेहतर रेट एमपी में:

मई से जून 2025 के बीच आलू के दामों और आवक में हल्का लेकिन दिलचस्प बदलाव देखने को मिला। उत्तर प्रदेश की प्रमुख मंडियों जैसे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और मेरठ में आलू की आवक में थोड़ी कमी आई, लेकिन भाव में हल्की तेजी दर्ज की गई। लखनऊ में आवक 15210 से घटकर 14940 टन हुई और भाव ₹1,274 से बढ़कर ₹1,303 प्रति क्विंटल हो गया। कानपुर में आवक में बड़ी गिरावट आई – 90950 से घटकर 62850 टन – और दाम ₹1,222 से बढ़कर ₹1,289 हो गए। वाराणसी और मेरठ में भी यही ट्रेंड रहा – आवक थोड़ी घटी, लेकिन भाव बढ़े। वहीं मध्य प्रदेश की बात करें तो भोपाल और जबलपुर में आलू की आवक जून में थोड़ी बढ़ी, लेकिन ग्वालियर में गिरावट आई। भोपाल में भाव ₹1,142 से ₹1,195 हुआ और जबलपुर में मामूली गिरावट के साथ ₹1,562 से ₹1,550 रहा। इंदौर मंडी सबसे ज्यादा चर्चा में रही, जहां मई में आवक 2911 टन थी जो जून में 11075 टन हो गई, और इसके बावजूद भाव ₹1,447 से बढ़कर ₹1,733 प्रति क्विंटल पहुंच गया। वहीं ग्वालियर में जहां मई में भाव सबसे ऊंचा ₹1,728 था, वह जून में थोड़ा घटकर ₹1,633 हो गया। कुल मिलाकर, जून में आलू के बाजार में अधिकतर मंडियों में भाव चढ़े, खासकर इंदौर जैसे इलाकों में, जहां मांग और सप्लाई दोनों का जोर दिखा।

मई और जून में लहसुन के रेट में कितना अंतर आया? देखें पूरी मंडीवार तुलना:

राज्य जिला मई आवक (टन) जून आवक (टन) मई अधिकतम भाव जून अधिकतम भाव
उत्तर प्रदेश लखनऊ 169 190 ₹ 6,484 ₹ 6,471
उत्तर प्रदेश कानपुर 1884 766 ₹ 6,258 ₹ 6,623
उत्तर प्रदेश वाराणसी 473 505 ₹ 6,219 ₹ 6,471
उत्तर प्रदेश मेरठ 176 122 ₹ 5,942 ₹ 6,094
मध्य प्रदेश भोपाल 1475 1197 ₹ 12,825 ₹ 9,700
मध्य प्रदेश इंदौर 5129 3051 ₹ 9,771 ₹ 9,460
मध्य प्रदेश ग्वालियर 4 8 ₹ 5,500 ₹ 5,533

मई से जून 2025 के बीच लहसुन के दामों और आवक में राज्यों और मंडियों के हिसाब से अलग-अलग रुख देखने को मिला। उत्तर प्रदेश की मंडियों में लहसुन की आवक में हल्का उतार-चढ़ाव हुआ, लेकिन भाव ज्यादातर जगहों पर स्थिर या थोड़ा बढ़े। जैसे लखनऊ में आवक 169 से बढ़कर 190 टन हुई, लेकिन अधिकतम भाव ₹6,484 से थोड़ा घटकर ₹6,471 रह गया। वहीं वाराणसी में ₹6,219 से बढ़कर ₹6,471 और मेरठ में ₹5,942 से ₹6,094 तक भाव चढ़े। खास बात रही कानपुर, जहां आवक में भारी गिरावट हुई – 1884 से सिर्फ 766 टन रह गई – और इसके चलते भाव ₹6,258 से बढ़कर ₹6,623 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया।

मध्य प्रदेश की मंडियों में कहानी कुछ अलग रही। भोपाल में मई में ₹12,825 का रिकॉर्ड रेट था, लेकिन जून में ये घटकर ₹9,700 रह गया, जबकि आवक में भी थोड़ी कमी हुई। इंदौर में भी ₹9,771 से गिरकर ₹9,460 हो गया, हालांकि यहां की आवक भी 5129 से घटकर 3051 टन रह गई। ग्वालियर अकेला ऐसा केंद्र रहा जहां मामूली बढ़त दर्ज की गई — ₹5,500 से ₹5,533 प्रति क्विंटल। कुल मिलाकर, यूपी की मंडियों में लहसुन के दाम या तो स्थिर रहे या हल्के बढ़े, जबकि मध्य प्रदेश में भावों में गिरावट आई, खासकर भोपाल और इंदौर जैसे बड़े केंद्रों में, जहां मई में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद जून में दाम नीचे आ गए।

सुझाव: मई से जून 2025 के बीच टमाटर, प्याज, आलू और लहसुन के मंडी रेट्स में जो बदलाव आया, वो किसानों के लिए काफी कुछ कहता है। टमाटर की बात करें तो यूपी की मंडियों में जून में आवक कम हुई और इसी वजह से दाम बढ़ गए, जबकि एमपी में आवक बढ़ी फिर भी रेट ऊपर रहे। यानी अगर फसल की क्वालिटी ठीक हो तो टमाटर जून में बेचना फायदे का सौदा हो सकता है। प्याज में यूपी की मंडियों में भाव थोड़ा गिरा, जबकि एमपी में कम आवक के बावजूद रेट बढ़ गए। इससे साफ है कि प्याज को सही तरीके से स्टोर करना और समय देखकर बेचना जरूरी है।

आलू के मामले में ज्यादातर मंडियों में जून में भाव बढ़े, खासकर इंदौर में तो जबरदस्त तेजी देखने को मिली। ऐसे में आलू की बिक्री धीरे-धीरे और सही वक्त पर करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है। वहीं लहसुन में मई में रेट काफी ऊंचे थे, लेकिन जून में तेजी थम गई, खासकर भोपाल और इंदौर में। इसलिए लहसुन को ज्यादा देर तक रोकने से नुकसान हो सकता है, बेहतर है कि भाव सही मिलते ही उसे बेच दिया जाए। कुल मिलाकर, किसान अगर मंडी रुझान और मौसम को ध्यान में रखकर फसल बेचें, तो बेहतर दाम मिल सकते हैं और नुकसान से भी बचा जा सकता है।

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