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किसानों की बल्ले-बल्ले! शिवराज सिंह चौहान 10 नवंबर को ओडिशा में करेंगे बड़े ऐलान

शिवराज सिंह चौहान ओडिशा दौरा
शिवराज सिंह चौहान ओडिशा दौरा

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 नवंबर 2025 को एक दिवसीय ओडिशा दौरे पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान वे किसानों की आय बढ़ाने, पोषण सुरक्षा को मजबूत करने और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहित करने से जुड़े प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए ‘मंडिया दिवस’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि:

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मंत्री श्री चौहान सुबह पटना से प्रस्थान कर 11:00 बजे भुवनेश्वर पहुंचेंगे। इसके बाद वे लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में ‘मंडिया दिवस (मिलेट्स दिवस)’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। इस अवसर पर वे ओडिशा सहित पूरे देश में श्री अन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन, प्रसंस्करण और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर प्रकाश डालेंगे। कार्यक्रम में कृषि आय वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में मिलेट्स की भूमिका पर भी विस्तृत चर्चा होगी।

किसानों से सीधा संवाद और जमीनी स्थिति का आकलन:

कार्यक्रम के बाद मंत्री कटक जिले के सदर क्षेत्र में कृषि क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्थानीय किसानों से सीधे संवाद करेंगे। इस दौरान वे किसानों की समस्याओं और अनुभवों को सुनेंगे, कृषि योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन का निरीक्षण करेंगे, किसानों से कृषि नीति सुधारों के लिए सुझाव लेंगे।

ICAR-CRRI में रणनीतिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे:

दोपहर के सत्र में श्री चौहान ICAR–केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (CRRI), कटक में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में इन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय योजनाओं पर चर्चा होगी:

  1. पीएम धन धान्य कृषि योजना
  2. दलहन आत्मनिर्भरता मिशन
  3. राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन

इस बैठक में कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, ICAR वैज्ञानिक और ओडिशा सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे। चर्चा का मुख्य उद्देश्य कृषि में आत्मनिर्भरता, सतत उत्पादन और बेहतर उत्पादकता के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना होगा।

सतत और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में बड़ा कदम:

केंद्रीय मंत्री की यह यात्रा ओडिशा में टिकाऊ और आत्मनिर्भर कृषि को नई गति देने की दिशा में अहम पहल मानी जा रही है। किसान हित पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा है:
“देश का भविष्य किसानों के खेतों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम खेती को लाभकारी, पर्यावरण-अनुकूल और तकनीक आधारित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

किसानों के बीच रहकर नीति बनाने पर जोर:

श्री चौहान लगातार देश के अलग-अलग राज्यों का दौरा कर किसानों से सीधा संवाद कर रहे हैं। उनका मानना है कि:

  1. नीतियां दिल्ली के दफ्तरों में नहीं, खेतों की हकीकत के आधार पर बननी चाहिए
  2. जमीनी स्तर से मिले सुझाव ही कृषि सुधारों को प्रभावी बनाते हैं

ओडिशा दौरे में वे मृदा स्वास्थ्य, जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण, टिकाऊ कृषि और जलवायु-अनुकूल खेती से जुड़े विषयों पर विशेष चर्चा करेंगे।

सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर फोकस:

इस दौरे का एक प्रमुख उद्देश्य किसानों को निम्न लाभों से अवगत कराना भी है:

  1. आधुनिक कृषि तकनीक और उन्नत बीजों का उपयोग
  2. कृषि मशीनीकरण तक आसान पहुंच
  3. मूल्य संवर्धन (value-addition) से आय बढ़ाने के अवसर
  4. सरकारी योजनाओं के जरिए बाजार और वित्तीय सहायता

मिलेट्स को बढ़ावा देने में ओडिशा की अग्रणी भूमिका:

‘मंडिया दिवस’ ओडिशा द्वारा मिलेट्स को बढ़ावा देने में किए जा रहे प्रयासों का प्रतीक है। वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किए जाने के बाद से, कोरापुट, रायगढ़ा और कंधमाल जैसे जिलों ने मिलेट्स उत्पादन में उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए हैं। मंत्री की इस कार्यक्रम में मौजूदगी सरकार के पोषण से भरपूर, जलवायु अनुकूल और आर्थिक रूप से लाभकारी फसलों को बढ़ावा देने के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

समन्वित कृषि विकास के लिए ठोस रणनीति पर काम:

पीएम धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्राकृतिक कृषि मिशन के बेहतर संयोजन से:

  1. उत्पादन बढ़ेगा
  2. आयात निर्भरता कम होगी
  3. रासायनिक मुक्त खेती को बढ़ावा मिलेगा

ICAR-CRRI में होने वाली रणनीतिक बैठक से तकनीक, प्रशिक्षण, ऋण सुविधा और बाजार-संपर्क को जोड़ते हुए ठोस कार्ययोजना तैयार किए जाने की संभावना है।

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