मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित मंत्रि-परिषद की बैठक में कई अहम जनहितकारी निर्णय लिए गए। बैठक में महिला सशक्तिकरण, सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़े बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को ₹1250 से बढ़ाकर ₹1500 प्रतिमाह करने की स्वीकृति दे दी है। योजना मार्च 2023 में ₹1000 प्रतिमाह से शुरू की गई थी, सितंबर 2023 से ₹1250 प्रति माह दिए जा रहे हैं और नवंबर 2025 से ₹1500 प्रति माह देने का निर्णय लागू होगा। इस वृद्धि से वित्तीय वर्ष 2025-26 में अतिरिक्त ₹1,793.75 करोड़ की जरूरत होगी, जबकि कुल अनुमानित वार्षिक व्यय ₹20,450.99 करोड़ रहेगा।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रदेश के सरकारी भवनों पर ‘रेस्को मॉडल’ (RESCO) के माध्यम से सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाए जाएंगे। इस मॉडल की प्रमुख बातें सरकारी विभागों को कोई प्रारंभिक निवेश नहीं करना होगा। बिजली खर्च का भुगतान प्रति यूनिट आधार पर RESCO एजेंसी को किया जाएगा, जो DISCOM दरों से कम रहेगा
पहले जिला स्तर पर अलग-अलग टेंडर की व्यवस्था थी, अब एक ही संयुक्त टेंडर जारी किया जाएगा, 20 किलोवाट से कम क्षमता वाले संयंत्र भी RESCO मॉडल से, जबकि वन्य और ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में CAPEX मॉडल के तहत स्थापित किए जाएंगे।
प्रदेश के प्रमुख जिलों में सोलर प्रोजेक्ट (चयनित सूची)
| जिला | साइट्स | कुल क्षमता |
| भोपाल | 211 | 15,695 kW |
| ग्वालियर | 97 | 5,267 kW |
| इंदौर | 106 | 3,128 kW |
| छिंदवाड़ा | 31 | 1,661 kW |
| जबलपुर | 49 | 1,432 kW |
| रतलाम | 29 | 1,229 kW |
| उज्जैन | 24 | 714 kW |
(सभी जिलों में कुल निर्धारित साइट्स पर संयंत्र चरणबद्ध तरीके से लगाए जाएंगे।)
महिला सुरक्षा, सांस्कृतिक गौरव और ऊर्जा आत्मनिर्भरता: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इन फैसलों से महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगी, सरकारी संस्थानों में बिजली खर्च घटेगा और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
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