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Putin India Visit Live: भारत रूस संबंध: 23वें शिखर सम्मेलन में पुतिन का भारत दौरा, कृषि-डेयरी पर बड़ा फैसला

भारत रूस संबंध
भारत रूस संबंध

भारत और रूस के बीच दशकों पुराना भरोसेमंद रिश्ता एक बार फिर मजबूत होता दिख रहा है। 4–5 दिसंबर 2025 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान दो देशों के बीच 23वाँ वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसी कड़ी में भारत के मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने रूस की कृषि मंत्री ओकसाना लूत से महत्वपूर्ण बैठक की।

मत्स्य व डेयरी व्यापार बढ़ाने पर सहमति Agreement on increasing fish and dairy trade:

बैठक में दोनों देशों ने मछली, दूध, मांस और पशु उत्पादों के व्यापार को बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत ने 2024-25 में 7.45 अरब डॉलर मूल्य का समुद्री उत्पाद निर्यात किया है, जिसमें 127 मिलियन डॉलर का निर्यात अकेले रूस को गया। मंत्री जी ने बताया कि झींगा, मैकेरल, सार्डीन, टूना, स्क्विड और केकड़ा जैसे उत्पाद रूस के लिए बड़े निर्यात अवसर बन सकते हैं रूस ने भी भारत से मत्स्य, मांस और डेयरी उत्पाद आयात बढ़ाने में रुचि दिखाई है। खासकर ट्राउट मछली के लिए संयुक्त तकनीकी परियोजना और भविष्य में संयुक्त उद्यमों की संभावना पर चर्चा हुई।

भारतीय इकाइयों की लिस्टिंग तेज करने की मांग Demand to expedite listing of Indian units:

भारत ने हाल ही में रूस द्वारा 19 भारतीय मत्स्य इकाइयों को एफएसवीपीएस प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे कुल संख्या 128 हो गई है। भारत ने बफेलो मीट, डेयरी और पोल्ट्री इकाइयों की लंबित लिस्टिंग जल्द मंजूर करने का आग्रह किया।
विशेष रूप से, AMUL सहित 12 डेयरी कंपनियाँ रूस में निर्यात के लिए पंजीकरण का इंतजार कर रही हैं।

तकनीकी सहयोग से किसानों को लाभ:

बैठक में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाज, RAS और बायोफ्लॉक जैसी आधुनिक तकनीकों पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। इससे भारत के मछुआरों को उन्नत तकनीक सीखने, उत्पादन बढ़ाने और निर्यात गुणवत्ता सुधारने में बड़ा फायदा मिलेगा।

अनुसंधान और प्रशिक्षण में सहयोग:

दोनों देशों के विश्वविद्यालयों, वैज्ञानिकों और शोध संस्थानों के बीच संयुक्त प्रशिक्षण और शोध कार्यक्रम चलाने पर सहमति बनी।
बैठक के अंत में भारत ने उम्मीद जताई कि इस सहयोग से किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के लिए नए अवसर बनेंगे और दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार नई ऊँचाइयों पर पहुँचेगा।

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