देश में कृषि को तकनीक से जोड़ने की दिशा में सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए AI-आधारित मौसम पूर्वानुमान पायलट प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है। Development Innovation Lab–India के सहयोग से यह परियोजना खरीफ 2025 के लिए चयनित क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर शुरुआती मानसून पूर्वानुमान तैयार करने के उद्देश्य से चलाई गई।
इस पायलट में एक ओपन-सोर्स मिक्स्ड मॉडल का उपयोग किया गया, जिसमें शामिल थे:-
यह मॉडल केवल स्थानीय स्तर पर शुरुआती मानसून की संभावनाओं का आकलन करता है, जो किसानों के लिए बीज बोने की सही तारीख तय करने में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
मॉडल से तैयार पूर्वानुमान m-Kisan पोर्टल के माध्यम से 3,88,45,214 किसानों को SMS द्वारा भेजे गए। यह जानकारी पांच भाषाओं—हिंदी, ओड़िया, मराठी, बांग्ला और पंजाबी—में प्रसारित की गई।
पूर्वानुमान भेजने के बाद मध्य प्रदेश और बिहार में किसान कॉल सेंटर के माध्यम से टेलीफोन सर्वे किया गया। सर्वे में पाया गया कि 31% से 52% किसानों ने अपने बोआई संबंधी निर्णयों में बदलाव किया, जिसमें भूमि की तैयारी, बुवाई का समय, फसल चयन और इनपुट उपयोग जैसे बदलाव शामिल थे। यह दर्शाता है कि AI आधारित पूर्वानुमान किसानों के निर्णय लेने की प्रक्रिया में प्रभावी साबित हो रहे हैं।
सरकार कृषि उत्पादकता बढ़ाने, स्थिरता सुनिश्चित करने और किसानों की आजीविका सुधारने के लिए कई AI-आधारित समाधान लागू कर रही है। निम्न योजनाओं से जुड़ी किसानों की शंकाओं का समाधान करता है—
1. किसान e-मित्र: 11 भाषाओं में मदद करने वाला AI चैटबॉट, "किसान e-मित्र" एक वॉयस-बेस्ड AI चैटबॉट है, जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड। यह 11 क्षेत्रीय भाषाओं में काम करता है और आगे कई सरकारी कार्यक्रमों को समर्थन देने के लिए विकसित किया जा रहा है। प्रतिदिन 8,000 से अधिक किसानों की पूछताछ का समाधान करता है और अब तक 93 लाख से अधिक प्रश्नों का उत्तर दे चुका है।
2. राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (NPSS):
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही कीट समस्या से निपटने के लिए AI और मशीन लर्निंग आधारित National Pest Surveillance System तैयार किया गया है। यह खेतों में कीट प्रकोप का प्रारंभिक पता लगाता है, समय पर उपाय करने में मदद करता है, 10,000 से अधिक कृषि विस्तार कर्मियों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। यह प्रणाली 66 फसलों और 432 से अधिक कीटों की पहचान एवं नियंत्रण में सहायता प्रदान करती है।
3. उपग्रह-आधारित फसल मानचित्रण:
AI आधारित विश्लेषण के माध्यम से खेतों से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर:-
का सटीक आकलन किया जा रहा है।
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