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10,000 एफपीओ को राष्ट्रीय कृषि वैल्यू चेन से जोड़ने की बड़ी पहल, सरकार ने बढ़ाया वित्तीय व बाजार सहयोग

FPO योजना
FPO योजना

केंद्र सरकार किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्रीय कृषि वैल्यू चेन से जोड़ने के उद्देश्य से 10,000 एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन पर आधारित केंद्रीय क्षेत्र की योजना लागू कर रही है। इस योजना के तहत अब तक 10,000 एफपीओ का पंजीकरण पूरा किया जा चुका है।

प्रति एफपीओ 18 लाख रुपये की सहायता और मजबूत वित्तीय समर्थन Support of Rs 18 lakh per FPO and strong financial support:

योजना के तहत:

  1. 3 वर्षों तक प्रति एफपीओ 18 लाख रुपये प्रबंधन लागत के रूप में,
  2. 15 लाख रुपये तक मैचिंग इक्विटी ग्रांट,
  3. पात्र वित्तीय संस्थानों से 2 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी,
  4. साथ ही प्रशिक्षण, बाज़ार संपर्क और अन्य योजनाओं से एकीकरण का समर्थन प्रदान किया जा रहा है।

एफपीओ को बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसे इनपुट लाइसेंस, तथा कृषि उपज विपणन हेतु मंडी लाइसेंस प्राप्त करने में भी सहायता दी जा रही है। एफपीओ के बेहतर वैल्यू चेन एकीकरण के लिए साप्ताहिक वेबिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही, क्रेडिट लिंकिंग और ई-कॉमर्स सुविधा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

e-NAM, AIF और PM-FME के साथ व्यापक जुड़ाव Extensive integration with e-NAM, AIF and PM-FME:

31 अक्टूबर 2025 तक:

  1. 4,642 एफपीओ राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) से जुड़े,
  2. PM-FME योजना के तहत 236 एफपीओ को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्वीकृत,
  3. 1590 एफपीओ को कृषि अवसंरचना कोष (AIF) का लाभ प्राप्त हुआ।

हालांकि, PM-KISAN योजना का लाभ केवल व्यक्तिगत पात्र किसानों को दिया जाता है, एफपीओ को नहीं।

एफपीओ के लिए बिना गारंटी ऋण की सुविधा:

क्रेडिट उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से एफपीओ को क्रेडिट गारंटी फंड (CGF) के तहत बिना गिरवी ऋण लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। वर्तमान में 2,583 एफपीओ को क्रेडिट गारंटी कवर प्राप्त हुआ है।
एफपीओ को बेहतर बाज़ार और उचित मूल्य मिलने के लिए उन्हें निम्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों से जोड़ा जा रहा है:

  1. ONDC,
  2. e-NAM,
  3. Government e-Marketplace (GeM)

उद्योग और बाज़ार से जुड़ाव के लिए विशेष पहल:

एफपीओ और उद्योग जगत के बीच मजबूत साझेदारी के लिए मेले, प्रदर्शनियाँ और B2B इवेंट्स आयोजित किए जाते हैं। उद्योग प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर एफपीओ को बेहतर सौदेबाज़ी और व्यापक बाज़ार उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा, एफपीओ को केंद्र व राज्य सरकारों, उद्योग संघों और अन्य संस्थानों द्वारा आयोजित एक्सपो और प्रदर्शनी में भाग लेने में भी सहायता प्रदान की जा रही है।

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन:

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से, उनकी कार्ययोजनाओं के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है। अब तक:

  • 623 जिलों में 17,639 प्राकृतिक खेती क्लस्टर स्थापित,
  • 8.79 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) स्थानीय स्तर पर बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र जैसे प्राकृतिक इनपुट की तैयारी और प्राकृतिक खेती तकनीकों का प्रशिक्षण कृषिसाखियों/CRPs और किसानों को मॉडल प्रदर्शन प्लॉट पर प्रदान करते हैं।

प्राकृतिक खेती के लिए ऑनलाइन प्रमाणन प्रणाली विकसित: प्राकृतिक खेती उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उन्हें बाज़ार से जोड़ने के लिए, गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र (NCONF) द्वारा Participatory Guarantee System (PGS) - INDIA – NATURAL नाम से एक ऑनलाइन प्राकृतिक खेती प्रमाणन प्रणाली (NFCS) विकसित की गई है। यह प्रणाली प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और प्रमाणन को सरल बनाती है।

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