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garlic mandi rate today: उत्तर प्रदेश में लहसुन के दामों में गिरावट से किसान परेशान, लेकिन ग्राहकों के चेहरे खिले – कई मंडियों में ₹250 तक की गिरावट

लहसुन
लहसुन

किसान भाइयों और घरेलू ग्राहकों, 5 जुलाई 2025 को उत्तर प्रदेश की मंडियों में लहसुन की कीमतों में तेज गिरावट ने सभी का ध्यान खींचा है। बीते हफ्ते यानी 29 जून की तुलना में इस बार कई मंडियों में ₹50 से लेकर ₹250 प्रति क्विंटल तक की भारी गिरावट दर्ज की गई है।
जहां एक ओर किसान भाई लागत से भी कम दाम मिलने पर निराश हैं और इसे सीधा घाटा मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। क्योंकि बाजारों में लहसुन सस्ता होने से अब रसोई का बजट थोड़ा राहतभरा हो गया है। कासगंज, रायबरेली, खागा और बहराइच जैसे जिलों में तो हालात ऐसे हैं कि किसानों की लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। वहीं खुदरा ग्राहकों के लिए यह समय लहसुन की खरीदारी का सबसे सुनहरा मौका साबित हो सकता है।

  • मंडीवार लेटेस्ट मंडी प्राइस
  • किस जिले में कितनी गिरावट हुई
  • और आने वाले हफ्ते में कैसा रहेगा लहसुन का बाजार रुख

याद रखें: गिरावट हर बार नुकसान नहीं होती – सही योजना, सही जानकारी और सही समय पर निर्णय लेकर आप इस मंदी को भी मुनाफे का मौका बना सकते हैं।

लहसुन की कीमतों में एक हफ्ते में कितना आया उतार-चढ़ाव? देखें 29 जून और 5 जुलाई की मंडीवार तुलना:

मंडी का नाम वैरायटी 29 जून (₹/क्विंटल) 5 जुलाई (₹/क्विंटल) गिरावट (₹)
बहराइच लहसुन ₹ 6,715 ₹ 6,500 ₹ 215
बदायूं लहसुन ₹ 6,435 ₹ 6,400 ₹ 35
रायबरेली लहसुन ₹ 6,350 ₹ 6,160 ₹ 190
प्रतापगढ़ लहसुन ₹ 6,520 ₹ 6,500 ₹ 20
छिबरामऊ देसी ₹ 6,700 ₹ 6,650 ₹ 50
फिरोजाबाद लहसुन ₹ 6,140 ₹ 6,080 ₹ 60
कासगंज देसी ₹ 5,960 ₹ 5,700 ₹ 260
बांगरमऊ एवरेज ₹ 6,270 ₹ 6,250 ₹ 20
जायस एवरेज ₹ 6,575 ₹ 6,500 ₹ 75
खागा देसी ₹ 6,350 ₹ 6,225 ₹ 125

किसानों की लागत नहीं निकल रही, लेकिन उपभोक्ताओं को राहत:

  • कासगंज में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जहां लहसुन का भाव ₹260 प्रति क्विंटल घट गया।
  • रायबरेली, खागा और बहराइच जैसी मंडियों में भी ₹100 से ₹215 तक की गिरावट किसानों को नुकसान पहुँचा रही है।
  • वहीं खुदरा बाजारों में लहसुन की कीमतें कम होने से घरेलू ग्राहकों को सीधी राहत मिल रही है।

गिरावट के कारण:

  • अत्यधिक आवक: जुलाई की शुरुआत में फसल की आवक बढ़ने से मंडियों में सप्लाई ज्यादा हो गई।
  • स्टोरेज क्षमता की कमी: किसानों के पास लहसुन स्टोर करने की सुविधा नहीं, जिससे उन्हें कम दाम में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
  • डिमांड स्थिर: इस समय घरेलू मांग में कोई विशेष उछाल नहीं है।

किसानों और उपभोक्ताओं के लिए सलाह:

  • किसानों को सुझाव है कि वह मंडी कीमतों की निगरानी करें और जहां भाव बेहतर हों, वहीं बिक्री करें।
  • ग्राहकों को इस समय लहसुन खरीदने का बेहतर अवसर है, क्योंकि आने वाले दिनों में मौसम और स्टोरेज प्रभावित हो सकते हैं।

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