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Weather today: दिल्ली–एनसीआर वायु गुणवत्ता: ठंड बढ़ने के साथ हवा और धुंधली, लेकिन राहत के संकेत भी

दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण
दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण

दिल्ली–एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार चिंता का विषय बनी हुई है, हालांकि इस वर्ष औसतन प्रदूषण स्तर में सुधार के संकेत भी दिखे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बीते दिन क्षेत्र के अधिकांश शहर ‘खराब’ श्रेणी के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में रहे। सबसे अधिक प्रदूषण हापुड़ में दर्ज हुआ, जहां AQI 285 रहा। दिल्ली और नोएडा दोनों में AQI 279 दर्ज किया गया, जबकि ग्रेटर नोएडा में 268, गाजियाबाद 256, गुरुग्राम 245 और पानीपत 239 के स्तर पर रहे। वहीं मेरठ (197) और फरीदाबाद (176) ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किए गए।

वार्षिक तुलना में राहत, प्रदूषण स्तर में मामूली सुधार Relief in annual comparison, slight improvement in pollution level:

हालांकि मौजूदा स्तर चिंताजनक हैं, लेकिन पूरे वर्ष की स्थिति उम्मीद जगाती है। जनवरी से नवंबर 2025 के बीच दिल्ली ने पिछले आठ वर्षों में (2020 के लॉकडाउन वर्ष को छोड़कर) अपना सबसे कम औसत AQI 187 दर्ज किया है। केवल तीन दिन ऐसे रहे जब AQI 400 से ऊपर गया और एक भी दिन हवा ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी (AQI 450+) में नहीं पहुंची। पीएम2.5 और पीएम10 के औसत स्तर भी 2018 के बाद सबसे कम दर्ज किए गए।

दिसंबर की ठंड प्रदूषण को दे सकती है बढ़ावा December cold may increase pollution:

मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर का मौसम प्रदूषण को बढ़ावा दे सकता है। आने वाले दिनों में ठंड अपने चरम की ओर बढ़ेगी। घना कोहरा छाए रहने, तापमान में गिरावट और कमजोर धूप के कारण हवा का ठहराव बढ़ेगा, जिससे प्रदूषकों के जमीन के स्तर पर जमने की संभावना अधिक रहती है। रातें लंबी और ठंडी होंगी, जबकि दिन में ठंडक और धुंध प्रदूषण को और गंभीर बना सकती है।

प्रदूषण रोकथाम की कोशिशें तेज:

विशेषज्ञ मानते हैं कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और संबंधित एजेंसियों के प्रयासों से दीर्घकालिक सुधार संभव हुआ है, लेकिन सर्दियों के दौरान सतर्कता बेहद ज़रूरी है। नागरिकों को सुबह-शाम बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करने, अनावश्यक वाहन उपयोग से बचने और घरों में वेंटिलेशन बनाए रखने की सलाह दी जाती है। प्रदूषण कम करने के लिए प्रशासनिक कदमों के साथ जन-सहयोग भी अनिवार्य है।

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