सरकार ने सब्जी उत्पादक किसानों को राहत और अवसर देने के लिए एक नई पहल की है। सरकार ने सब्जी उत्पादन को वैज्ञानिक और लाभकारी बनाने के उद्देश्य से “आलान प्रबंधन तकनीक” (Trellis System) को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों को खेती की आधुनिक व्यवस्था अपनाने पर 50% तक सब्सिडी मिलेगी।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 4 करोड़ 50 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। इसका उद्देश्य है खेती की लागत कम करना और किसानों का मुनाफा बढ़ाना।
आलान विधि में सब्जी की बेलों को ऊपर की ओर फैलाने के लिए संरचनात्मक सहारा दिया जाता है। इसके लिए बांस, तार, सुतली आदि का उपयोग करके फ्रेम तैयार किया जाता है। यह तकनीक विशेष रूप से कुंदरू, लौकी, करेला, परवल, तोरई और भिंडी जैसी बेलदार सब्जियों के लिए उपयुक्त है।
पौधों की बढ़वार बेहतर होने के साथ फलने की अवधि लंबी होती है। सब्जियों का आकार और गुणवत्ता बाजार के अनुकूल बनता है कीटों एवं रोगों का प्रकोप कम होता है व भूमि का अधिकतम उपयोग किया जा सकता है।
125 वर्ग मीटर (1 इकाई) पर अनुमानित लागत: ₹4,500
किसानों को सब्सिडी: 50 प्रतिशत यानी अधिकतम ₹2,250 प्रति इकाई
न्यूनतम इकाई: 1 (125 वर्गमीटर)
अधिकतम इकाई: 16 (2000 वर्गमीटर)
यदि कोई किसान 8 इकाई (1000 वर्गमीटर) में आलान विधि अपनाता है, तो उसकी लागत लगभग ₹36,000 होगी। इस पर उसे ₹18,000 की सब्सिडी मिलेगी।
किसानों को क्या होगा लाभ?
इस तकनीक से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी, साथ ही सब्जियों की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार, लागत कम, समय की बचत व उत्पाद सीधे बाजार के लिए उपयुक्त।
आवेदन कैसे करें?
किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए जिला कृषि कार्यालय या राज्य सरकार के कृषि पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
किसानों को नई तकनीक से जोड़ने की बड़ी पहल:
यह पहल 2025-26 तक अधिक से अधिक किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ देगी। 50 प्रतिशत सब्सिडी, लागत में कमी और बेहतर उत्पादन ये सभी पहलू किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी बल्कि ग्रामीण रोजगार और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। सरकार का लक्ष्य है कि छोटे और मध्यम किसान भी इसमें शामिल हों और सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनें।