कृषि को लाभकारी बनाने के लिए सरकार लगातार आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इसी दिशा में किसानों के बीच सुपर सीडर एक अत्यंत उपयोगी मशीन के रूप में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह यंत्र ट्रैक्टर से जुड़कर काम करता है और नरवाई प्रबंधन तथा बुवाई दोनों कार्य एक साथ करता है। विशेष रूप से वे किसान जो धान की कटाई के बाद गेहूं या चने की बुवाई करते हैं, उनके लिए सुपर सीडर एक प्रभावी विकल्प साबित हो रहा है।
धान, गेहूं या अन्य फसलों की कटाई के बाद खेत में बचने वाले डंठल (नरवाई) को सुपर सीडर बेहद आसानी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी में मिला देता है।
इसके फायदे-
इससे किसान नरवाई के झंझट से मुक्त हो जाते हैं और यह अवशेष मिट्टी में प्राकृतिक खाद के रूप में बदल जाता है, जो फसलों के लिए अतिरिक्त पोषण प्रदान करता है।
सुपर सीडर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक ही प्रक्रिया में नरवाई को नष्ट करने के साथ अगली फसल की सीधी बुवाई भी कर देता है। गेहूं, चना या अन्य फसलों की बोनी सीधे नरवाई वाले खेत में जुताई का खर्च पूरी तरह बच जाता है और कुल खेती लागत में उल्लेखनीय कमी आती है।
संभागीय कृषि अभियांत्रिकी विभाग, सतना में सुपर सीडर उपलब्ध है। शासन की योजनाओं के तहत किसानों को इस मशीन पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। सामान्यत: यह मशीन एक घंटे में एक एकड़ तक का क्षेत्र तैयार कर देती है, जिसमें नरवाई मिलाना और बुवाई दोनों शामिल हैं।
मूंग की खेती में भी बेहद उपयोगी:
युवा किसानों के लिए रोजगार का अवसर: सुपर सीडर न केवल खेती को सरल बनाता है बल्कि ग्रामीण युवाओं के लिए कमाई का साधन भी बन सकता है। जिन किसानों के पास ट्रैक्टर उपलब्ध है, उनके घर के शिक्षित युवा सुपर सीडर खरीदकर एक सीजन में 1 लाख रुपये तक की आय कर सकते हैं।
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