उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंचाई नेटवर्क को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 95 नए सिंचाई एवं जल प्रबंधन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है। इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर राज्य में सिंचाई क्षमता में व्यापक सुधार होगा और सबसे अधिक फायदा पूर्वांचल, तराई, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन योजनाओं का उद्देश्य केवल निर्माण कार्य कराना नहीं, बल्कि जल प्रबंधन को अधिक कुशल बनाना, फसल उत्पादन बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
सिंचाई और जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि लगभग 394.53 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन प्रोजेक्ट्स से राज्य के करीब 36 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता फिर से स्थापित की जा सकेगी। इन प्रोजेक्ट्स से करीब 9 लाख किसानों और ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। बैठक में बताया गया कि नहरों के पुनर्स्थापन और सुधार से जुड़े इन प्रोजेक्ट्स के तहत कई अहम कार्य किए जाएंगे:
इन सभी सुधार कार्यों से नहर व्यवस्था अधिक सुचारू होगी और किसानों को सिंचाई के लिए बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे।
अधिकारियों के अनुसार, प्रोजेक्ट्स पूरा होने पर सिंचाई नेटवर्क व्यापक रूप से मजबूत होगा। इससे सबसे ज्यादा फायदा पूर्वांचल, तराई क्षेत्र, बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि किसी भी किसान की फसल सिंचाई की कमी के कारण नष्ट न हो।
बेकार पड़ी सरकारी जमीन का उपयोग बेहतर तरीके से होगा: मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिया कि राज्य में पड़ी खाली सरकारी जमीन का सर्वे कर उसके बेहतर उपयोग के लिए विस्तृत वर्क प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी जमीन का उत्पादक उपयोग विभाग की आय बढ़ाने में भी मदद करेगा। इसके साथ ही बैठक में बाढ़ प्रबंधन कार्यों की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले वर्ष की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां जनवरी से ही शुरू कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि समय पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
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