सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा आज बोधगया में “पीएम विश्वकर्मा और नेशनल एससी-एसटी हब मेगा कॉन्क्लेव” का आयोजन किया गया। यह आयोजन पीएम विश्वकर्मा योजना की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा तैयार उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री की गई।
केंद्रीय मंत्री श्री मांझी ने अपने संबोधन में कहा कि 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना ने केवल दो वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
बिहार में ही 1.62 लाख कारीगर पंजीकृत हुए हैं, जिनमें से 1.05 लाख को प्रशिक्षण दिया गया और 19,000 लाभार्थियों को 160 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए गए। इसमें 92% लाभार्थी एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से हैं, जबकि 33% महिलाएँ हैं। सिर्फ गया जिले में ही 735 लाभार्थियों को 7 करोड़ रुपये के ऋण मिले हैं।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने सभी लाभार्थियों को बधाई दी और खासकर महिलाओं को उद्यमिता अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से ही समाज और राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल होगा।
प्रदर्शनी और तकनीकी सत्र:
कार्यक्रम के दौरान 17–18 सितंबर 2025 तक आयोजित प्रदर्शनी में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जहाँ विभिन्न जिलों और राज्यों से आए शिल्पकारों ने अपने उत्पाद प्रदर्शित और बेचे। इसके साथ ही मार्केटिंग, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और अन्य विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए ताकि प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और सहयोग मिल सके।
लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और उपकरण वितरित:
मेगा कॉन्क्लेव में पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएमईजीपी और नेशनल एससी-एसटी हब (एनएसएसएच) के 2,500 से अधिक लाभार्थियों ने हिस्सा लिया।
पीएम विश्वकर्मा योजना को और मजबूत करने के लिए समझौते, एमएसएमई मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिज़ाइन (NID) अहमदाबाद और इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद (IRMA) के साथ समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, ताकि पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को और मजबूत किया जा सके।